May 3, 2024

Exclusive: उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग नहीं मानता कोविड-19 के दिशा-निर्देशों को।

देहरादून। कोविड 19 महामारी से निजात पाने के लिए पूरा विश्व जूझ रहा है। भारत में भी गाइडलाइन्स के साथ अनलाॅक-2 चल रहा है। ऐसे में उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग ने गृह मंत्रालय भारत सरकार व मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखाने का जिम्मा लिया हुआ है, प्रतीत होता है। जहाँ एक ओर केन्द्र सरकार ने देश भर में अकादमिक, शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थानों को बन्द रखने को कहा है तो वहीं शिक्षा विभाग ने राज्य शैक्षिक अनुसन्धान व प्रशिक्षण संस्थान उत्तराखण्ड तथा समस्त जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को शासकीय कार्यालय की आढ़ में खोला हुआ है।

केन्द्र सरकार द्वारा फिलहाल किसी भी प्रकार के अकादमिक आयोजनों पर रोक लगायी है किन्तु शिक्षा विभाग आजकल वर्चुअल लैब के माध्यम से ONLINE प्रशिक्षण करा रहा है। विकासखण्ड स्तर पर जिन विधालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित होती थी वहाँ शिक्षकों को बुलाकर ONLINE प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विज्ञान प्रशिक्षण के दो चरण पूर्ण होने के उपरान्त अब आनन्दम पाठ्यचर्या पर प्रशिक्षण के आदेश विभाग ने कर दिये। किसी प्रशिक्षण केन्द्र पर अधिकतम कितने प्रतिभागी हो सकते हैं यह भी निर्धारित नहीं हैं, अर्थात विभाग सोशल डिस्टेंसिंग को नहीं मानता।

ऐसे में शिक्षा व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। नियमानुसार देखा जाए तो शिक्षा विभाग पर केन्द्र के दिशा-निर्देशों की अवहेलना के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज हो सकता है।


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