April 29, 2024

20 साल से हर चुनाव में कम हो रहा सपा का जनाधार, आंकड़ों में देखिए बीते 7 चुनावों में पार्टी का हाल

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है और कई सीटों पर प्रत्याशियों का एलान भी कर दिया है. हालांकि बीते सात लोकसभा चुनावों में सपा के प्रदर्शन के आधार पर यह माना जा रहा है कि सपा के लिए यह चुनाव आसान नहीं है. सपा का बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन अब तक के पार्टी के चुनावी दौर में सबसे खराब रहा है.

साल 1996 से ही लोकसभा चुनाव लड़ रही समाजवादी पार्टी के लिए सबसे बुरा साल 2019 का चुनाव रहा जब वह बहुजन समाज पार्टी के साथ अलायंस में रही और उसका वोट प्रतिशत पहली बार 20 फीसदी से भी कम हो गया. सबसे पहले बात करते हैं साल 1996 के लोकसभा चुनाव की. इ इलेक्शन में सपा ने 64 सीटों पर इलेक्शन लड़ा था और 16 पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में सपा को 20.84 फीसदी वोट मिले थे.

वहीं साल 1998 के लोकसभा चुनाव में 81 सीटों पर इलेक्श लड़ने वाली सपा 20 पर जीती और 28.7 प्रतिशत मत मिले थे. इसे अलावा साल 1999 के आम चुनाव में 84 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली सपा को 26 सीटें मिलीं और 24.06 फीसदी वोट मिला. इसके बाद साल 2004 के चुनाव में सपा 68 सीटों पर लड़ी और 35 सीटें जीती. इस चुनाव में सपा को 26.74 फीसदी वोट मिले थे.

हर चुनाव में कम हुआ जनाधार

फिर आया साल 2009 का चुनाव जहां सपा का दबदबा कम हुआ. इस चुनाव में 75 सीटों पर इलेक्शन लड़ने वाली सपा को सिर्फ 23 सीटें मिलीं और उसका मत प्रतिशत घटकर 23.25 प्रतिशत रह गया. साल 2014 का इलेक्शन सपा के लिए हर मायने में खराब रहा है. 78 सीटों पर लड़ने वाली पार्टी सिर्फ 5 सीटें जीत पाई और उसका मत प्रतिशत भी घटा. इस चुनाव में सपा को 22.35 फीसदी वोट मिले थे. इस इस दौरान राज्य में अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा की सरकार भी थी.

फिर साल 2019 के चुनाव में बसपा के साथ इलेक्शन लड़ने वाली सपा 37 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी और सिर्फ 5 सीट जीत पाई. अलायंस के बावजूद उसका वोट प्रतिशत सिर्फ 18.11 फीसदी ही रहा. यानी देखा जाए तो सपा के बीते चार चुनाव में हर बात जनाधार कम होते जा रहा है.


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