May 9, 2024

आरएलडी बीजेपी गठबंधन के लिए चुनौती बना मायावती का फैसला, बसपा सांसद भी खोज रहे नए रास्ते

बिजनौर लोकसभा सीट पर हर रोज नए समीकरण बनते जा रहे हैं. लोकदल छोड़कर आए चौधरी बिजेंद्र सिंह बसपा से चुनाव लड़ सकते हैं. चर्चा है कि सब कुछ फाइनल हो गया और बस घोषणा होना बाकी है. बसपा के इस नए दाव ने आरएलडी बीजेपी गठबंधन के लिए बिजनौर में नई मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. जयंत चौधरी के प्रत्याशी चंदन चौहान के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी.

चौधरी बिजेंद्र सिंह पहले ही लोकदल छोड़ने का मन बना चुके थे. बस नए सियासी रास्ते की तलाश में थे. चौधरी बिजेंद्र सिंह ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से भी मुलाकात की. बातचीत काफी लंबी चली. इसी के साथ ही बसपा सुप्रीमों मायावती से भी मुलाकात की, ये मुलाकात भी काफी लंबी रही. आखिरकार चौधरी बिजेंद्र सिंह ने बसपा से चुनाव लड़ने का फैसला किया. सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि बसपा ने बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को हरी झंडी दे दी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कल तक इसकी विधिवत घोषणा भी हो जाएगी. सपा सुप्रीमो से मुलाकात करने को लेकर भी बड़ी चर्चा है कि पर्दे के पीछे कोई बड़ी कहानी चल रही है.

अब आरएलडी की बढ़ाई टेंशन

अभी करीब चार महीने पहले ही चौधरी बिजेंद्र सिंह ने लोकदल ज्वाइन की थी. उन्हें लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने राष्ट्रीय महासचिव बनाया था. 80 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का एलान कर सुर्खिया बटोरी थी. इसी साल 25 फरवरी को लोकदल के बैनर तले बिजनौर के मीरापुर में विजय संकल्प महारैली में भीड़ जुटाकर तमाम पार्टियों की नींद उड़ा दी थी. बताया जा रहा है इस महारैली में उमड़ी भीड़ ने ही बसपा की दहलीज तक ले जाने में और टिकट पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जानकारी मिली है कि आरएलडी के एक बड़े नेता ने बसपा से टिकट फाइनल होने के बाद चुनाव में पूरी मदद करने का भरोसा दिया और बिजेंद्र सिंह से फोन पर लंबी बात भी की.

बिजनौर सांसद मालूक नागर का क्या होगा?

बिजनौर लोकसभा सीट से बसपा के मलूक नागर सांसद हैं. उनके आरएलडी से चुनाव लड़ने की भी चर्चा चली, लेकिन मीरापुर विधायक चंदन चौहान का आरएलडी से टिकट फाइल होने के बाद इन चर्चाओं पर विराम लगा. फिर चर्चा चली कि बसपा से ही टिकट फाइनल हो सकता है, लेकिन चौधरी बिजेंद्र सिंह के बसपा से चुनाव लड़ने की चर्चा ने फिर सियासत बदली है. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि चौधरी बिजेंद्र सिंह के नाम की जब भी घोषणा होगी उसके बाद आखिर सांसद मलूक नागर का क्या होगा?

कौन हैं चौधरी बिजेंद्र सिंह?

चौधरी बिजेंद्र सिंह मूल रूप से मेरठ के जलालपुर लावड़ के रहने वाले हैं. बड़े किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. परिवार में दो बेटियां है पत्नी पिंकी सिंह हैं. चार महीने पहले लोकदल जैसी पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले चौधरी बिजेंद्र सिंह सियासत के ऐसे खिलाड़ी निकले कि बसपा जैसी बड़ी पार्टी का टिकट पाने में कामयाब हो गए.  लोकदल से इस्तीफा दिए 24 घंटे भी नहीं हुए कि बसपा चुनाव लड़ने की बात सामने आ गई.

बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर राय चौधरी बिजेंद्र सिंह से जब सवाल पूछा गया कि बसपा से टिकट फाइनल हो गया है, तो बोले बस थोड़ा सा रुक जाइए, तस्वीर साफ होने वाली है. आरएलडी बीजेपी प्रत्याशी चंदन चौहान से क्या मुकाबला होगा तो बोले कि मेरा किसी से कोई मुकाबला नहीं है. बिजनौर की जनता में मुझे चुनाव लड़ाने का मन बनाया है तो वही चुनाव जिताएगी. गरीब, किसान, मजदूर और सर्व समाज मेरे साथ है.


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