उत्तराखंड में तेज़ी से फैल रहा है एड्स
उत्तराखंड से होने वाला पलायन सिर्फ़ पहाड़ों को वीरान नहीं कर रहा बल्कि जान पर ख़तरा भी पैदा कर रहा है। राज्य में लाइलाज बीमारी एड्स का प्रसार फैल रहा है और इसके लिए भी राज्य से होने वाले पलायन को ही ज़िम्मेदार माना जा रहा है।
राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की एक रिसर्च से पता चला है कि भले ही उत्तराखंड में एड्स रोकने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हों लेकिन इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
पिछले कुछ साल में न देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह और हरिद्वार जैसे घनी आबादी वाले ज़िलों में एड्स के मरीज़ों की संख्या तो बढ़ी ही है पौड़ी और पिथौरागढ़ जैसे ज़िलों में भी एड्स का जानलेवा वायरस फैल रहा है।
रिसर्च टीम से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि एड्स नियंत्रण के लिए लगातार जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन राज्य से होने वाला पलायन इसमें बड़ी चुनौती बन रहा है। वजह साफ़ है, बड़ी तादाद में प्रदेश से लोग दिल्ली, मुम्बई जैसे महानगरों की ओर रुख करते हैं जहां वो एचआईवी जैसे संक्रमण का शिकार हो रहे हैं और अपने साथ इस संक्रमण को भी ला रहे हैं।
देहरादून में मौजूद राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अफसर कहते हैं कि प्रदेश से पलायन करने वाले लोग ही नहीं बल्कि प्रदेश में बाहर से आ रहा मजदूर तबका और दूसरे छोटे-छोटे काम की तलाश में आने वाला तबका भी इस खतरनाक संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार है।
चुनौती दोहरी है और इससे पार पाना आसान नहीं। दुनिया ग्लोबल विलेज बन रही है और उत्तराखंड में भी ऑलवेदर रोड जैसी योजनाओं से कनेक्टिविटी बढ़ रही है। इससे राज्य से बाहर जाने वाले और आने वाले दोनों लोग बढ़ेंगे लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि एड्स जैसी बीमारियां भी बढ़ें। आज ज़रूरत ज़्यादा जागरूकता की है ताकि उत्तराखंड के लोग भी वैश्विक नागरिक बनें और स्वस्थ रहें।