उत्तराखंड: 150% बढ़ाई गई मदरसों में एग्ज़ामिनेशन फ़ीस, मदरसों ने जताई नाराज़गी
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने अगले सत्र के लिए सभी मदरसों की एग्ज़ाम फीस में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी है. इस फैसले के बाद अब प्रदेश के सभी मदरसों में सख़्त नाराज़गी जताई है क्योंकि मदरसों में आमतौर पर आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चे पढ़ने आते हैं।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने मदरसों में पढ़ रहे बच्चों से ली जाने वाली एग्ज़ाम फीस डेढ़ सौ फ़ीसदी तक बढ़ा दी है। अब तक परीक्षा शुल्क महज़ 40 रुपये होता था वहीं अब मुंशी, मौलवी यानि मदरसों में दसवें साल में पढ़ रहे रेग्युलर छात्रों को एग्ज़ाम फीस अब 150 और प्राइवेट करने वालों छात्रों को 500 रुपये जमा करनी होगी। इसी तरह आलिम यानि इंटरमीडिएट के रेग्यूलर छात्रों की एग्ज़ाम फीस 300 और प्राइवेट छात्रों को 600 रुपये फीस देनी होगी।
कई गुना फ़ीस बढ़ाने के पीछे मदरसा बोर्ड का तर्क पढ़ाई का महत्व बताना है। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार अख़लाक अहमद कहते हैं कि राज्य में पहली बार मदरसों की फ़ीस बढ़ाई गई है और इतनी ज़्यादा इसलिए बढ़ाई गई है ताकि ‘बच्चों को पढ़ाई का महत्व पता चल सके।’
लेकिन इस फ़ीस वृद्धि ने मदरसा संचालकों को हैरान कर दिया है. उन्होंने इसे गरीब बच्चों पर बड़ा बोझ बताया है।
उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बनने के बाद भी उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का पैटर्न उत्तर प्रदेश के साए तले ही चलता रहा है लेकिन उत्तराखंड मदरसा बोर्ड अपने फैसले खुद लेने के काबिल हुआ तो उसने मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को राहत देने के बजाय यह मुसीबत का फ़रमान थमा दिया है।