May 3, 2024

ऑल वेदर रोड को लेकर केंद्र में अपना पक्ष रखेगी उत्तराखण्ड सरकार, SC के फैसले के बाद दिखी सक्रियता।

देहरादून। चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड परियोजना में सड़क की चैड़ाई को लेकर हाल में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस सड़क का धार्मिक ही नहीं सामरिक महत्व भी है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह सड़क चैड़ी होनी ही चाहिए। इस बारे में राज्य की ओर से केंद्र के समक्ष पक्ष रखा जाएगा। यह परियोजना केंद्र की है और इसके संबंध में फैसला भी केंद्र सरकार को ही लेना है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में चारधाम राजमार्ग परियोजना की सौगात उत्तराखंड को दी। इसके तहत चारधाम को जोड़ने वाली 826 किलोमीटर सड़कों का डबल लेन के हिसाब से चैड़ीकरण चल रहा है। परियोजना के आकार लेने पर चारधाम के लिए वर्षभर यातायात सुगम रहेगा। इसीलिए इसे ऑल वेदर रोड नाम भी दिया गया है। उत्तराखंड के चीन और नेपाल की सीमाओं से सटे होने के कारण इस सड़क का सामरिक महत्व भी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने हाल में अपने एक फैसले में इस सड़क की चैड़ाई साढ़े पांच मीटर रखने के आदेश दिए हैं।

अभी तक साढ़े सात मीटर की चैड़ाई के हिसाब से सड़क के लिए कटिंग की जा रही थी। अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद अब प्रदेश सरकार इस सड़क को लेकर मंथन में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि निर्माणाधीन चारधाम यात्रा मार्ग देश को सीमांत क्षेत्र से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि सड़क को इस तरह से तैयार किया जा रहा कि वर्षभर आवाजाही सुगम रहे।

यह सड़क राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब परिस्थितियों को देखते हुए सड़क का चैड़ीकरण आवश्यक है, लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वर्ष 2018 के एक सर्कुलर के चलते कुछ दिक्कत आई है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस सड़क के संबंध में सभी पहलुओं पर सरकार अपना पक्ष जल्द ही केंद्र सरकार के समक्ष रखेगी।


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