May 20, 2024

यूपी में इन IAS-IPS अधिकारियों का सबसे खराब है प्रदर्शन, सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पेश हुई लिस्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के जिलाधिकारी लोक शिकायतों के निस्तारण के मामले में अगस्त में राज्य के 10 सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में शामिल हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जनसुनवाई समाधान प्रणाली या एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के आधार पर, राज्य सरकार ने राज्य में सबसे अच्छे और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलाधिकारी और जिला पुलिस प्रमुखों की एक सूची रविवार को जारी की.

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के समक्ष आईजीआरएस और मुख्‍यमंत्री हेल्पलाइन की अगस्‍त माह की रैंकिंग प्रस्‍तुत की गयी, जिसमें राज्य के 10 सबसे अच्छे और 10 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों का उल्लेख किया गया है. सूची के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के जिलाधिकारियों का नाम ख़राब प्रदर्शन करने वालों में शामिल है.

अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने दी हिदायत

रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि आईजीआरएस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की अगस्त माह की ‘टॉप’ और ‘बॉटम’ 10 रैंकिंग मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की गई. राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के अलावा तहसीलों के कार्यों के विस्तृत मूल्यांकन के आधार पर यह सूची तैयार हुई है.

बयान में कहा गया कि सूची में खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने कड़ी हिदायत देते हुए अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने के लिए कहा है. बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक महीने बाद दोबारा उन सभी के कार्यों की समीक्षा होगी, जिसमें खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. बयान के अनुसार अधिकारी जनता के लिए कारगर बनेंगे तो उनका कार्यकाल भी यादगार बनेगा.

टॉप 10 जिलाधिकारियों में अमेठी सबसे ऊपर

बयान के अनुसार आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों के निस्तारण में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप 10 जिलाधिकारियों में क्रमश: अमेठी, कन्नौज, श्रावस्ती, शाहजहांपुर, सोनभद्र, गाजियाबाद, महोबा, मिर्जापुर, हापुड़ और भदोही के जिलाधिकारी हैं. बयान के अनुसार खराब प्रदर्शन करने वालों में बागपत, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर, रामपुर और मुरादाबाद के जिलाधिकारी शामिल हैं.

बयान के अनुसार जारी सूची में सबसे अच्छा कार्य करने वाले पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी में अलीगढ़, श्रावस्ती, सोनभद्र, हमीरपुर, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, कासगंज, चित्रकूट, भदोही और हाथरस के अधिकारी शामिल हैं. जबकि नीचे से 10 अधिकारियों में बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, फतेहपुर, झांसी, अयोध्या, एटा, हापुड़, आजमगढ़ और संत कबीर नगर के पुलिस अधिकारी शामिल हैं.

अच्छा प्रदर्शन करने वाली तहसीलों को भी किया शामिल

बयान के अनुसार सूची में सबसे अच्छा और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली प्रदेश की तहसीलों को भी शामिल किया गया है. इसमें टॉप 10 तहसीलों में अलीगढ़ की कोल, जौनपुर की केराकत और बदलापुर, श्रावस्ती की इकौना, प्रयागराज की सदर, बागपत की बड़ौत, अलीगढ़ की अतरौली, बुलंदशहर की स्याना, जालौन की उरई और अमरोहा की हसनपुर तहसील शामिल हैं.

बयान के अनुसार इसी प्रकार खराब प्रदर्शन वाली तहसीलों में रामपुर की बिलासपुर, कन्नौज की तिर्वा और छिबरामऊ, रामपुर की मिलक, हापुड़ की धौलाना, हाथरस की हाथरस, संत कबीरनगर की खलीलाबाद, खीरी की धौरहरा, कन्नौज की कन्नौज और रायबरेली की ऊंचाहार तहसील शामिल है. बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने खराब प्रदर्शन वाले सभी जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को एक माह के अंदर सतत जन सुनवाई करते हुए समस्याओं के गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण के लिए निर्देशित किया है.


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