हमारा संविधान ‘भारत माता की जय’ न बोलने की छूट देता है- शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि हमारा संविधान ‘भारत माता की जय’ न बोलने की छूट देता है। विविधता का सम्मान करना ही भारतीय लोकतंत्र की विशेषता है। थरूर ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) की प्रदेश इकाई की ओर से आयोजित ‘समावेशी राजनीति के साथ राष्ट्र निर्माण’ पर परिचर्चा में यह बात कही। वे इसके चेयरमैन भी हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी लोगों को बांटने की राजनीति कर रहे हैं। गाय को सुरक्षित रखना जरूरी है, लेकिन लोगों को मारकर गाय को सुरक्षित रखना उचित नहीं है। भाजपा के लोग अपने से असहमति रखने वालों को पाकिस्तान जाने का नारा देते हैं, लेकिन कनाडा जाने के लिए नहीं कहते। अगर दुश्मन हैं तो उन्हें दूर भेजो, पर वे अपनी बांटने वाली राजनीति के चलते ऐसा कहते हैं। राहुल गांधी को राजकुमार की जगह शहजादा कहने की भी यही वजह है।
बीजेपी को सत्ता में आने से रोकेगा महागठबंधन
शशि थरूर से पूछा गया कि सिद्धांतों को दूर रखकर आगामी लोकसभा चुनाव में सपा व बसपा से कांग्रेस गठबंधन के लिए तैयार है। इस पर थरूर ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर करने के लिए ये दल एक साथ आएंगे। सभी मानते हैं कि गठबंधन करके भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के हाथों में देश सुरक्षित नहीं है।
एआईपीसी से जुड़ने का आह्वान
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित परिचर्चा में एआईीसी की अध्यक्ष डॉ. अमिता सिंह ने प्रोफेशनल्स से अधिक से अधिक संख्या में एआईपीसी से जुड़ने का आह्वान किया। एआईपीसी के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर आलिम जावेरी और रीजनल कोऑर्डिनेटर सलमान अनीस सोज ने समावेशी विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।
अब पाक के साथ नहीं चलेगी बिरयानी पॉलिटिक्स
थरूर से पूछा गया कि राहुल गांधी ने बिना सहयोगी दलों की सहमति के ही खुद को पीएम पद का दावेदार घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि एक संवाददाता के सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने ऐसा कहा था। इसे संदर्भ से काटकर प्रचारित नहीं किया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि भारत में आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तानी आतंकी का हाथ है। इसको लेकर वहां के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का बयान कोई अचंभित करने वाली बात नहीं है। हां, पीएम मोदी को जरूर समझ लेना चाहिए कि अब चिकेन-बिरयानी पॉलिटिक्स नहीं चलेगी। थरूर ने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम पर आरोप लगाने के बजाय राफेल घोटाला, दोकलाम और सीमा पार आतंकवाद पर बोलना चाहिए।