May 3, 2024

फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग दून में हुआ शुरू, लाखों मरीजों को मिलेगा फायदा।

देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज में फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर)विभाग शुरू हो गया है। यह विभाग लम्बे समय से विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की सहायता एवं पुनर्वास के लिए काम करेगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) की तर्ज पर शुरू हुए इस विभाग में चोट, सर्जरी या न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का उपचार किया जाएगा।

विदित है कि राज्य में चोट एवं न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की वजह से लाखों मरीज जूझ रहे हैं। ऐसे मरीजों का कुछ समय तक तो सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में इलाज होता है। लेकिन बाद में इन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। फिर ये मरीज लम्बे समय तक दर्द और कई अन्य परेशानियों का सामने करते हैं। इसके साथ ही चोट की वजह से शारीरिक रूप से दिव्यांग हो चुके लोगों को भी समाज में उचित स्थान दिलाने का प्रयास इस विभाग के जरिए होगा। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि फिजिकल मेडिसिन एवं रिहेबिलिटेशन विभाग के तहत लम्बे समय से विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का इलाज किया जाएगी।

डिस्चार्ज मरीजों का घर पर भी ख्याल

दून में फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन विभाग फिलहाल अपने काम की शुरूआत पोस्ट कोविड मरीजों की सहायता से करने जा रहा है। पीएमआर विभाग के फिजीशियन डॉ अभिषेक चौधरी ने बताया कि अस्पताल में इलाज के बाद ठीक होने वाले कोरोना मरीजों को पीएमआर विभाग के फिजीशियन व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के जरिए फोन व वाट्सएप के जरिए संपर्क किया जाएगा। उन्हें कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बावजूद होने वाली परेशानियों से अवगत कराया जाएगा। यदि उन्हें कोई परेशानी हो रही है तो उससे संबंधित उपचार की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले कोरोना मरीजों को भी होम आइसोलेशन के लिए जरूरी मार्गदर्शन किया जाएगा।

खिलाडियों को भी मिलेगी मदद

खेलों के दौरान आए दिन बड़ी संख्या में खिलाडियों को भी चोट लगती है। लेकिन अस्पतालों में उनके लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं होती। चोटिल खिलाडियों को कई बार आजीवन तो कई बार लम्बे समय तक परेशनियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह विभाग चोटिल खिलाडियों के इलाज और उनकी देखभाल का भी काम करेगा। इसके लिए कॉलेज में अलग से व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं।

इन मरीजों को होगा खास फायदा

  • न्यूरो सबंधी परेशानियों से जूझ रहे मरीज,
  • विकलांगता के साथ पैदा होने वाले बच्चे,
  • फिजियोथेरेपी वाले मरीज,
  • हड्डी व अन्य वजहों से दर्द की समस्या से जूझ रहे मरीज।


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