ख़बर स्पेशलः 91 साल के बुर्जुग की दो टूक, भड़क जायेंगे मोदी समर्थक
कालाढूंगीः प्रदेश में चुनाव का महौल गरमाया हुआ है। मैदान से लेकर पहाड़ तक चुनावी चर्चाएं चल रही है। नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की हुंकार घर-घर दस्तक दे चुकी है। एक ओर नरेंद्र मोदी के कांगेस मुक्त भारत पर चर्चा है तो दूसरी ओर राहुल गांधी की उदार राजनीति की बहस है। तीसरा मोर्चा राजनीतिक दलों का है जो घर-घर अपनी दस्तक देने में जुटे हैं। लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे चेहरे हैं जो लोकतंत्र के इस पर्व पर विचलित हैं। ये पर्व उनके दौर का पर्व नहीं है। आज आम आदमी और उसके मुद्दे घोषणा पत्र के रंगीन पेजों पर इंटर नेट पर तैर रहे हैं। राजनीति में निजी आरोपों का दौर निकल पड़ा है। यही कारण है कि 91 साल के बुर्जुग रामदत्त रखोलिया आज की राजनीति से खासा व्यथित है। वह कहते हैं कि जब कोई कहता है कि कांग्रेस ने 70 साल राज कर क्या किया तो उनका सर फट जाता है। बुर्जुग रखोलिया कहते है कि आज सवाल दागना आसान है उस समय परिस्थिति क्या थी ये कोई नहीं जानना चाहता।
रमादत्त रखोलिया, जब देश आजाद हुआ तो यह बुर्जुग तब 19 साल का युवा था। अपने आंखों के सामने देश को आजाद होते देखा। गुलामी क्या होती है रमादत्त की रूह उसे आज भी महसूस कर सिहर उठती है। बुर्जुग रमादत्त कहते हैं वह अपने जीवन के अवसान पर है। उन्होंने लोकतंत्र के कई पर्व देखे। आजादी के दौर की राजनीति और आज की राजनीति में भारी असमानता है। तब देश के लिए राजनीति होती थी आज अपने हितों के लिए राजनीति हो रही है।
कालाढूंगी के चांदनी चैक ग्रामसभा के निवासी रमादत्त कहते हैं वोट देना हमारा अधिकार है चाहे किसी भी दल को वोट दो लेकिन जो कांग्रेस राज की निंदा करता है उससे मेरा सर फटने लगता है। वह कहते हैं कि आज कांग्रेस पर लांछन लगाये जा रहे हैं लेकिन असल हकीकत कोई जानने को तैयार नहीं है। वह कहते हैं कि कांग्रेस ने ऐसी गरीबी में देश संभाला जब लोगों के पास खाने को नमक और कफन के लिए कपड़ नहीं मिलता था।
वह कहते हैं नेहरू बड़े विचारों के नेता थे उन्होंने इस देश की मजबूत नींव रखी। लाल बहादूर शास्त्री जैसा नेता इस देश को कभी नहीं मिल पायेगा। आज सेना को लेकर राजनीति हो रही है। इंदिरा ने अपने जमाने में पाकिस्तान के दो टुकड़े किये तब सेना का राजनीतिकरण नहीं हुआ। लेकिन आज कांग्रेस के राज पर सवाल खड़े किये जाते हैं।
बुर्जुग रमादत्त कहते हैं आज दूसरी पार्टियां कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती है। ऐसा करना इतिहास और वर्तमान से खेलना है।
वह कहते हैं कि मुक्त और युक्त करने की ताकत संविधान में वर्णित ‘हम भारत के लोग’ से मिलती है। किसी पार्टी के चुनावी स्टंटों से नहीं। रमादत्त कहते हैं कि जब यह सुनता हूं कि कांग्रेस 70 साल का हिसाब दे तो मै यह कहना चाहूंगा कि कांग्रेसियों को सिर्फ दो शब्द कहने चाहिए और वह है ‘एक चाय बनाने वाले का लड़का प्रधानमंत्री बन गया, एक मच्छुवारे का बेटे राष्ट्रपति बन गया’। इससे ज्यादा क्या लेते हो सत्तर साल का हिसाब। कांग्रेस ने इस देश को इतना आगे बढ़ा दिया कि आज कोई भी बड़े पदों पर बैठ सकता है।
रमादत्त कहते हैं कि आज कांग्रेस की इस स्थिति का जिम्मेदार गैर कांग्रेसी लोग हैं। वह कहते हैं कि इंदिरा जी की मृत्यु के बाद कांग्रेस में गैर कांग्रेसी लोग शामिल हो गये। जिससे यह हालात बन आये हैं। वह कहते हैं कि कांग्रेस ने ऐसे लोगों को टिकट दिये जो उसकी बदनामी के कारण बने। वह कहते हैं कि पार्टियां आयेंगी और राज करेंगी लेकिन इस देश का लोकतंत्र यहां के लोग जिंदा रखेंगे। क्योंकि हम जिसे चाहेेंगे उसे शासन करने की चाबी देंगे।