May 6, 2024

गैरसैण की ठंड से डरते है उत्तराखण्ड के विधायक!

गैरसैंण में विधानसभा सत्र कराने के नाम पर प्रदेश के माननीयों के हाथ-पांव ठंडे हो जाते हैं। बताया जा रहा है कि सत्ता पक्ष के साथ-साथ अधिकांश विपक्षी विधायकों ने ठंड का बहाना लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा कि देहरादून में ही विधानसभा बजट सत्र कराया जाए। ऐसे विधायकों के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए जिन्हें गैरसैंण में ज्यादा ठंड लगती है। ताकि प्रदेश की जनता का अपने उन प्रतिनिधियों की हकीकत मालूम हो सके जिनकों उन्होंने चुनकर विधानसभा भेजा है।

धामी कैबिनेट ने इस बार बजट सत्र गैरसैंण की बजाय देहरादून में कराने का फैसला लिया है। इस फैसले के पीछे सरकार का तर्क है कि कई विधायकों ने बजट सत्र गैरसैण में ना कराकर देहरादून में कराने की गुजारिश की है। बताया जा रहा है कि ये गुजारिश सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्षी दल के विधायकों की ओर से भी की गई है। सरकार ने भी विधायकों की इस अर्जी को मंजूर करते हुए देहरादून में ही सत्र कराने का फैसला कर दिया। हालांकि बजट सत्र कब शुरू होगा उसकी तारीख अभी तय नहीं हुई लेकिन कैबिनेट ने इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी को अधिकृत किया।

बता दें की हरीश रावत सरकार के दौरान बजट सत्र को गैरसैण में ही कराये जाने का संकल्प पारित किया गया था। लेकिन शायद अब सरकार और माननीय विधायकों को ये संकल्प याद नहीं है।

बजट सत्र के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी दलों के विधायकों की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष और सरकार से निवेदन किया गया कि बजट सत्र को देहरादून विधानसभा में कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि कुछ विधायकों की तबीयत भी खराब है और व्यवस्थाए भी एकाएक पर्याप्त नहीं हो पाती हैं ऐसे में देहरादून विधानसभा में बजट सत्र कराए जाने का फैसला लिया गया हैं।

वहीं विपक्ष सरकार के इस फैसले पर लगातार सवाल कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है की सरकार के विधायक हो या फिर विपक्ष के विधायक जिन्होंने पत्र लिखकर मांग की है कि बजट सत्र गैरसैंण में न करा कर राजधानी देहरादून में कराया जाए इसकी वह निंदा करते हैं। उनका कहना है कि गैरसैंण में यदि सत्र नहीं कर सकते तो गैरसैंण को राजधानी क्यों बनाया है? उन्होंने कहा कि कुछ कांग्रेस के विधायकों ने भी पत्र पर साइन किए हैं जिसकी वह निंदा करते हैं और संगठन के माध्यम से उनसे भी पूछा जाएगा कि आखिर वह गैरसैंण क्यों नहीं जाना चाहते हैं?

बजट सत्र को गैरसैण की बजाए देहरादून में कराने की पैरवी पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि जो लोग ठंड की वजह से गैरसैण से दूरी बनाना चाहते है उन्हें उत्तराखण्ड छोड़कर चला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गैरसैण उत्तराखंडियत का प्रतीक है। उत्तराखण्ड हिमालयी राज्य है। यहां तो हिमालयी मौसम सदा ही रहना है। इस बात को हर व्यक्ति जानता है। अब यदि हिमालयी राज्य के विधायकों को ही अपने प्रदेश में ठंड लग रही तो उनका यहां रहने का क्या औचित्य है। ऐसे जनप्रतिनिधियों का प्रदेश छोड़कर अपने मानमाफिक मौसम वाली जगहों पर चला जाना ही बेहतर है।


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