May 19, 2024

मोदी सरनेम मामला: राहुल गांधी की 2 साल की सजा बरकरार, गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका

मोदी सरनेम केस में गुजरात हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झटका लगा है।  सूरत सेशंस कोर्ट से राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा को गुजरात हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है। गुजरात हाई कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है। कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं।

उधर, मामले को लेकर पूर्णेश मोदी ने कहा कि हम हाई कोर्ट के आज के फैसले का स्वागत करते हैं। जब उनसे कोर्ट की इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया कि राहुल गांधी का इस तरह की टिप्पणी करने का इतिहास रहा है, तो उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इसके बारे में सोचना चाहिए और ऐसे इतिहास नहीं बनाने चाहिए।

डीके शिवकुमार बोले- ये लोकतंत्र की हत्या है

कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार कहते हैं, “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्याय नहीं हुआ। यह लोकतंत्र की हत्या है। फिर भी, पूरा देश और विपक्षी दल राहुल गांधी के साथ खड़े हैं। वह एक महान नेता हैं जो आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं।” देश को एकजुट करना है…भाजपा नेता इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वे उन्हें संसद से रोकना चाहते हैं…मुझे लगता है कि वह (राहुल गांधी) मजबूत होंगे…।”

23 मार्च को राहुल गांधी को सुनाई गई थी 2 साल की सजा

बता दें कि सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। अगले दिन उनकी सांसदी चली गई थी। राहुल ने सूरत कोर्ट में फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए समीक्षा याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी। 2 मई को हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला आज यानी 7 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

अब राहुल गांधी के पास क्या विकल्प?

गुजरात हाई कोर्ट ने सूरत सेशंस कोर्ट के फैसले को बरकरार रख लिया है, ऐसे में राहुल गांधी के पास हाई कोर्ट की उच्च पीठ के समक्ष अपील करने का विकल्प है। बता दें कि सजा के मुताबिक, राहुल गांधी संसद सदस्य के रूप में दो प्लस छह वर्षों के लिए निलंबित हैं।

क्या है मोदी सरनेम मामला?

दरअसल, राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे हैं?’ राहुल की इसी टिप्पणी को लेकर गुजरात भाजपा विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मामला दर्ज कराया था।

23 मार्च को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी। अदालत की ओर से जमानत दिए जाने के बाद, गांधी के वकील किरीट पानवाला ने सूरत के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश आरपी मोगेरा में फैसले के खिलाफ अपील के लिए आवेदन किया था।


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