गैरसैंण के बाद देहरादून में हरदा का उपवास, बोले कांग्रेस सत्ता में आई तो 3 साल में गैरसैंण होगी राजधानी।
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हर मुद्ये पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। चाहे मामला राजधानी गैरसैंण का हो या गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का, हरीश रावत सुनियोजित तरीके से सरकार का घेराव कर रहे हैं। आपको बता दें की वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शीतकालीन विधानसभा सत्र देहरादून में आयोजित करने और इसकी वजह गैरसैंण की ठंड बताने के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में सत्र के पहले दिन उपवास किया था। हरीश रावत के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक कांग्रेसी भी बैठे। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने काला फ़ीता बांधकर विरोध प्रदर्शित किया। उपवास पर बैठे हरीश रावत ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि वह भाजपा को मजबूर कर देंगे कि गैरसैंण को राजधानी बनाए वरना कांग्रेस सत्ता में आती है तो तीन साल के अंदर बनाएंगे राजधानी।
वहीं विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन के बाहर हरीश रावत तो सदन के अंदर कांग्रेसी विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन ने गन्ना किसानों के बकाए भुगतान का मुद्दा उठाया। पूर्व सीएम हरीश रावत आज देहरादून में विधानसभा के सामने उपवास पर बैठे। आज का उनका उपवास उन गन्ना किसानों के समर्थन में है जिनकी फसल का चीनी मिलों ने पिछले साल या 2 सालों से भुगतान नहीं किया है। हरीश रावत का कहना है कि पैसा नहीं मिलने से किसान परेशान है। गन्ना कट नहीं पा रहा और किसानों के सामने दिक्कत है कि वह गेंहू बो नहीं पा रहे। ऐसे में कांग्रेस के विधायक सदन में तो बाकी नेता सड़क पर आवाज़ उठा रहे हैं। हरीश रावत के साथ पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी और मातबर सिंह कंडारी भी मौजूद थे। दोपहर में सदन स्थगित होने पर कांग्रेस विधायक मनोज रावत और हरीश धामी भी समर्थन देने धरने में पहुंच गए।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्यक्ष ने एक बयान जारी कर हरीश रावत के उपवास-धरने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “मैं लोक देवताओं के निमित उपवास पर अपने गांव पाली में हूं। उनके कार्यक्रम की सफलता की कामना करता हूं, उन्हें समर्थन देता हूं।”