सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के हेलीकॉप्टर को सेना के जीटीसी हेलीपैड पर उतरने नहीं दिया
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के सुरक्षा अधिकारियों ने सेना पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सीएम के हेलीकॉप्टर को सेना के जीटीसी हेलीपैड पर उतरने नहीं दिया। इतना ही नहीं आरोप लगाया कि सीएम के सुरक्षा कर्मियों के साथ हुए विवाद के बाद सेना ने जीटीसी हैलीपैड को अपनी सुरक्षा में ले लिया।
आरोप है कि शाम को मुख्यमंत्री के उत्तरकाशी से लौटते समय सेना ने उनके सुरक्षा कर्मियों को हेलीपैड पर नहीं जाने दिया। इस कारण सुरक्षा कर्मियों को हेलीपैड पर रखे गए ड्रमों की जानकारी नहीं हो पायी। ड्रम हेलीकॉप्टर के पायलट को दिखायी दिए। तब उसने आनन-फानन में हेलीकॉप्टर जीटीसी मैदान के ही दूसरे किनारे पर उतारा। सीएम के मुख्य सुरक्षा अधिकारी संजय विश्नोई ने कहा कि सेना के इस आपत्तिजनक व्यवहार से हेलीकाप्टर को लैंडिंग की जगह ना मिलने पर एक चक्कर हवा में लगाना पड़ा। उसके बाद पायलट को जिस जगह इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी वह भी खतरनाक थी। ऐसे में ये उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक हो सकती थी।
नियमानुसार सीएम के हेलीकॉप्टर की लैडिंग से पहले हेलीपैड का निरीक्षण और उसकी सुरक्षा, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को करना होता है। पुलिस औरा प्रशासन के अधिकारी तय समय पर जीटीसी मैदान में पहुंच भी गए। लेकिन सेना के जवानों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि विवाद के बाद सेना ने हेलीपैड को अपनी सुरक्षा में ले लिया और पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों को वहां घुसने नहीं दिया गया। पुलिस का यह भी कहना है कि हेलीकाप्टर उतरने से ठीक पहले वहां पर ड्रम रख दिए गए।
पहले दे दी थी कार्यक्रम की जानकारी : सुरक्षा अधिकारी
मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा अधिकारी विश्नोई ने अपर पुलिस महादिनेशक को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि जीटीसी हेलीपैड से मुख्यमंत्री के उत्तरकाशी जाने और वापस लौटने की जानकारी पहले ही सेना को दे दी गई थी। इसके बावजूद सेना के इस व्यवहार से मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया था।
हमने फ्लीट और हेलीकॉप्टर लैंडिंग नहीं रोकी : सेना
जीओसी उत्तराखंड सब एरिया मेजर जनरल जेएस यादव का कहना है कि जिस जगह सीएम का हेलीकॉप्टर उतर रहा था, वह लैंडिंग के लिए खतरनाक थी। ना तो हमने फ्लीट रोकी, ना ही हेलीकॉप्टर को लैंडिंग से रोका। डीजीपी और मुख्य सचिव को सारी हकीकत बता दी गई है। उधर, उत्तारखंड पुलिस के एडीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि जो हुआ वो गलत है। इसमें आपसी समन्वय की कमी दिख रही है। सेना से समन्वय बनाने और आगे से ऐसी स्थिति से बचने की कोशिश की जा रही है।
सुरक्षा के साथ सम्मान पर भी सवाल उठाया
अपर सिटी मजिस्ट्रेट मीनाक्षी पटवाल और सीओ चंद्रमोहन सिंह ने देहरादून के डीएम और पुलिस महानिदेशक को भेजी शिकायत में सेना के इस व्यवहार को सीएम के प्रोटोकाल का उल्लंघन बताया है। प्रोटोकाल अधिकारी मीनाक्षी पटवाल ने डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री की कार जब जीटीसी हैलीपैड के मुख्य द्वार से अंदर गोल्फ ग्राउंड के प्रवेश द्वार पर पहुंची तो एक निजी होंडा सिटी कार नंबर एचआर 26 बीएफ- 8010 ठीक प्रवेश द्वार पर रुक गई। इस कारण मुख्यमंत्री की कार रोकनी पड़ी। इस पर कैंट थाने के प्रभारी एसओ ने सैन्य अफसर से कार आगे बढ़ाने को कहा तो वे नहीं माने। इस दौरान वहां पर हुए विवाद के दौरान सीएम की फ्लीट रुकी रही।