May 7, 2024

स्वास्थ्य व आजीविका सुधार की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं:मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में अमेरिकन इण्डिया फाउण्डेशन (एआईएफ) के प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। इस अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार और अमेरिका इण्डिया फाउण्डेशन के मध्य स्टार्ट-अप, महिलाओं के नेतृत्व में सामाजिक उद्यमिता और सेल्फ सस्टेनिंग बिजनेस माॅडल पर विस्तार से चर्चा हुई।एआईएफ के कंट्री डायरेक्टर मैथ्यू जाॅसेफ ने बताया कि अमेरिकन इण्डिया फाउण्डेशन विभिन्न अप्रवासी भारतीयों के माध्यम से देश के विभिन्न प्रदेशों में शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि एआईएफ राज्य में महिला सामाजिक उद्यमिता पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तैयार एमएसएमई पाॅलिसी इस क्षेत्र में उनके लिए बहुत ही सहायक है और उन्हें इस पाॅलिसी के माध्यम से राज्य में बहुत ही अनुकूल वातावरण प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि एआईएफ राज्य में इन्क्यूबेटर सेंटर स्थापित करते हुए विशेष कार्य करने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रयास करेगी। एआईएफ राज्य के विभिन्न जनपदों के 170 स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड आदि के माध्यम से शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। फाउण्डेशन द्वारा शिक्षकों को शिक्षण कार्य के लिए कम्प्यूटर व प्रोजेक्टर भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य व आजीविका सुधार की दिशा में प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। इस दिशा में विभिन्न संस्थाओं द्वारा दिये जाने वाले सहयोग को उन्होंने राज्य हित में बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती तथा महिलाओं के स्वावलम्बन तथा आर्थिक उन्नयन की दिशा में आजीविका मिशन के माध्यम से कारगर पहल की जा रही है। ग्रामीण आर्थिकी के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। महिलाओं में उद्यमिता के विकास के लिये किये जा रहे ग्रोथ सेन्टर से भी उन्हें जोड़ा जा रहा है। अकेले देवभूमि प्रसाद योजना से इस वर्ष केदारनाथ में प्रसाद की बिक्री महिला स्वंय सहायता समूहों के 1.60 करोड़ की आय हुई है। अन्य मन्दिरों में भी इसकी शुरूआत की जा रही है। महिला समूहों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर 5 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने एआईएफ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग से इनके उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। रामदाना, मडुआ के साथ ही भीमल, बिच्छुघास व हेम्प से विभिन्न प्रकार के उत्पादन तैयार किये जा सकते है। इसके लिये कार्ययोजना बनायी जा रही है, इसके प्रतिशत को भी ग्रोथ सेन्टर से जोड़ा जा रहा है। हमारे पारम्परिक उत्पाद हमारी पहचान बनने के साथ ही अधिक से अधिक युवाओं को इससे जोड़कर पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी। प्रदेश में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। महिलाओ को एलईडी के निर्माण में भी गीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यमिता के विकास के लिये राज्य सरकार पूरा सहयोग करने को तैयार है इसके लिये एक अनुकूल नीति तैयार की गई है, तथा आवश्यक अवस्थापना सुविधाये उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती से हम मैदानी व पर्वतीय जनपदों की प्रतिव्यक्ति आय के अन्तर को दूर कर सकते हैं। 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com