May 18, 2024

पुलवामा हमला: भारत को अपनी हिफाजत का हक-अमेरिकी एनएसए

भारत पुलवामा आतंकी हमले के बाद इस हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान और जैश-ए-मुहम्मद को जवाब देने की तैयारी में है. हमले के बाद अमेरिका समेत दुनिया के ज्यादातर देश भारत के साथ खड़े हैं. इस बीच अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बॉल्टन ने भी कहा है कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है और इस मामले पर हम भारत के साथ हैं.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बॉल्टन ने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल से कहा कि अमेरिका भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है. बॉल्टन ने शुक्रवार सुबह जम्मू-कश्मीर में हुए इस आतंकी हमले के बाद डोभाल को फोन कर शोक जताया और कहा कि आतंकवाद का सामना करने के लिए अमेरिका भारत के साथ खड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने अजित डोभाल से कहा है कि हम भारत की आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं. मैंने उनसे 2 बार बात की है. आज सुबह भी आतंकी हमले में अमेरिका ने शोक जताया था.’ बॉल्टन ने कहा कि अमेरिका का रुख इस बात पर साफ है कि पाकिस्तान को आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस मामले में बेहद स्पष्ट है कि हम पाकिस्तान के साथ बातचीत को जारी रखे हुए हैं.

इससे पहले, व्हाइट हाउस और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपने देश के अंदर आतंकियों के पनाह देना बंद कर देना चाहिए. पोम्पियो ने ट्विट कर कहा था कि हम आतंकवाद का सामना करने के लिए भारत के साथ खड़े हैं. पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने आंतकियों को संरक्षण देना बंद करना चाहिए.

अमेरिका ही नहीं दुनिया के कई अन्य बड़े देशों ने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया है और उन्होंने दुख की इस घड़ी में साथ खड़े रहने की बात कही है. दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में शुक्रवार को जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई. विदेश सचिव ने 25 देशों के प्रतिनिधियों से बातचीत की और इस हमले की जानकारी दी. बैठक में पी-5 देशों, पाक को छोड़कर सभी दक्षिण एशियाई देश और अन्य बड़े देशों (जैसे जापान, जर्मनी, रिपब्लिक ऑफ कोरिया) ने हिस्सा लिया.

विदेश मंत्रालय की इस बैठक में यूरोपियन यूनियन, कनाडा, ब्रिटेन, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, हंगरी, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, स्लोवाकिया, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन और भूटान के प्रतिनिधि शामिल हुए. इनके अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान और नेपाल के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.

इससे पहले हमले के बाद मारे गए जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने कहा कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले की अमेरिका कड़े शब्दों में निंदा करता है. पाक स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. हम सभी देशों से अपील करते हैं कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करें ताकि आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देने से बचा जा सके.

वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने हमले के बाद कहा था कि अमेरिका पाक से अपील करता है कि वह अपनी जमीन से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले ऐसे सभी आतंकी समूहों को समर्थन और सुरक्षित पनाह तुरंत बंद करे जिनका लक्ष्य क्षेत्र में अव्यवस्था, हिंसा और आतंक फैलाना है.

हमले के बाद दक्षिण एशिया मामलों के अमेरिकी विशेषज्ञ ब्रूस रेडिल का कहना था कि यह हमला बताता है कि अमेरिका जैश-ए-मोहम्मद (जेएएम) और कई अन्य आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई के लिए पाक पर दबाव बनाने में नाकाम रहा. हमले के बाद जेएएम का खुद जिम्मेदारी लेना इस बात पर गंभीर सवाल खड़े करता है कि इस ऑपरेशन के पीछे आईएसआई की भूमिका हो सकती है.

गुरुवार को हुए हमले के बाद शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएस बैठक के बाद कहा था कि आतंकवादियों ने बहुत बड़ी गलती की है, जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी. सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी गई है.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com