May 17, 2024

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, जंतर मंतर पर छठे दिन जारी है रेसलर्स का दंगल

देश के जाने माने पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने का आज छठा दिन है। पहलवानों के समर्थन में बड़े एथलीट्स और बॉलीवुड स्टार्स ने बयान दिए हैं। पहलवान सिंह खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग कर रहे है। आज (28 अप्रैल) को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

देश के शीर्ष पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। पहलवानों का कहना है दिल्ली पुलिस उनका एफआईआर दर्ज नहीं कर रही। लिहाजा कोर्ट हस्तक्षेप करे। इस मामले पर कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया था और मामले की सुनवाई के लिए आज का दिन मुकर्रर किया था।

पहलवानों के आरोप बेहद गंभीर हैं

सीजीआई चंद्रचूड़ ने कहा था- पहलवानों के आरोप बेहद गंभीर हैं। इन लोगों ने देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। हम दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हैं। इस मामले को हम देखेंगे। अब पहलवानों ने धरने वाली जगह पर एक पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों को दिखाया गया है। पोस्टर में कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर दर्ज 39 मामलों को जिक्र है।

पीटी उषा ने पहलवानों पर उठाए सवाल

भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पीटी उषा ने पहलवानों के सार्वजनिक विरोध की आलोचना की है। उन्होंने कहा, पहलवानों का यह विरोध अनुशासनहीनता है, उन्होंने कहा कि उनको उस समिति की एक रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए जो उनके ऊपर लगे आरोपों को देख रही है। पीटी उषा के इस बयान पर विनेश फोगाट ने कहा कि हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन उनका ऐसा कहना चोट पहुंचाने जैसा है। पीटी उषा के साथ कुछ गलत होता तो क्या वे इतने दिनों तक इंतजार करतीं।

खेल मंत्री 2-4 मिनट हमारे बीच बैठे थे-बजरंग पूनिया 

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस गेम के कुछ खिलाड़ी विरोध कर रहे हैं, जो कि गलत है। मैं खुद पहलवानों की साढ़े 12 घंटे बात सुन चुका हूं। आधी रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। किसी भी थाने में कोई भी FIR दर्ज करा सकता है। मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। कोई समझौता नहीं करेंगे। इसपर बजरंग पूनिया ने कहा, “खेल मंत्री 2-4 मिनट हमारे बीच बैठे थे। बाकी समय उनके अधिकारी ही मध्यस्ता करने में जुटे थे। पीटी उषा बताएं कि अगर हमारा धरना अनुशासनहीनता है, तो जब उनकी खुद की अकेडमी टूट रही थी तो मीडिया के सामने आकर क्यों रोईं थीं?”


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