राफेल सौदे का क्या है छत्तीसगढ़ कनेक्शन, क्यों हँसी का पात्र बना एक गांव
नई दिल्ली: राफेल (Rafale) पर घमासान अब भी जारी है। राफेल लड़ाकू विमान को लेकर कांग्रेस लगातार पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर हमलावर है। लेकिन इस जहाज की सौदेबाजी से एक गांव खासा आहत है। दरसअल राफेल लड़ाकू विमान सौदा केवल केंद्र सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के एक गांव के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है। इस सौदे के विवादों में घिरे होने के कारण छत्तीसगढ़ के गांव को मजाक का पात्र बनना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद निर्वाचन छेत्र में एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम ‘राफेल’ है। इस गांव में करीब 2000 परिवार रहते हैं। गांव में रहने वाले 83 वर्षीय धर्म सिंह ने कहा, ‘अन्य गांवों के लोग हमारा मजाक उड़ाते हैं। वे कहते हैं कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो हमारी जांच होगी। हम गांव का नाम बदलने का अनुरोध लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय भी गए थे, लेकिन हम उनसे मिल नहीं सके।
उन्होंने कहा, ‘राफेल विवाद के कारण यह नाम केवल नकारात्मक ध्यान आकर्षित करता है, लेकिन हमारे गांव की कोई परवाह नहीं करता। राज्य के बाहर तो अधिकतर लोगों को गांव के बारे में पता भी नहीं है। सिंह ने बताया कि गांव में पेयजल और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। खेती बारिश पर आधारित है, क्योंकि यहां सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है। सिंह को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि गांव का नाम राफेल क्यों रखा गया और इसका क्या अर्थ है।उन्होंने कहा वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन से भी पहले यह नाम है। मुझे इस नाम के पीछे का तर्क नहीं पता।
बता दें कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को फ्रांस के साथ हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर निशाना बना रहे हैं। उनका आरोप है कि हर विमान की कीमत तेजी से बढ़ी है और इस सौदे से उद्योगपति अनिल अंबानी को लाभ होगा। सरकार और अंबानी ने इन आरोपों से इनकार किया है
उधर, राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ा झटका भी लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उन प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने याचिका के साथ लगाए दस्तावेजों पर विशेषाधिकार बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल मामले में रक्षा मंत्रालय से फोटोकॉपी किए गोपनीय दस्तावेजों का परीक्षण करेगा।