April 29, 2024

यूसर्क ने युवा महिला वैज्ञानिकों को किया सम्मानित

देहरादून। उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा बुधवार को महिला वैज्ञानिक कॉनक्लेव-2023 का आयोजन देहरादून स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में किया गया। कार्यक्रम के यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत ने अतिथियों का स्वागत करते हुये महिला वैज्ञानिक कॉन्कलेव के आयोजन सम्बन्धी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया।

प्रो0 रावत ने कहा कि किसी भी समाज के सतत्, समग्र और समन्वित विकास हेतु महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है। आज का हमारा ये प्रयास है कि जिसके द्वारा विज्ञान का सामाजिक सरोकरों से सामंजस्य एवं परम्परागत ज्ञान का समावेश हो। उन्होंने कहा कि यूसर्क द्वारा एक ऐसा प्लेटफार्म देने का प्रयास किया गया है जहां पर महिलायें विचार करें, नवाचार करें, प्रदर्शित करें, एडवांसमेंट और संस्टेनेबल समाधान की ओर बढ़े। इस कान्क्लेव का उद्देश्य है कि इनक्लूसिव और इक्टिेबल क्वालिटी एजुकेशन, जेन्डर इक्वेलिटी और महिलाओं एवं बलिकाओं के इम्पावरमेंट को प्रोत्साहित किया जाय।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती कुसुम कण्डवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं को लैंगिक समानता के अधिकार प्राप्त हो रहे है। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के माध्यम से संस्कारित शिक्षा को आने वाली पीढ़ियों में संचारित करने की आवश्यकता है, जिससे समाज जीवन की बुराईयों को दूर किया जा सकेगा।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रसिद्व भौतिक शास्त्री प्रो0 जे0एम0एस0 राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ परम्परागत भारतीय विज्ञान का समावेश करके हम अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करते हुये विभिन्न समस्याओं का समाधान प्रसतुत कर सकते है। उन्होंने प्रसिद्व भारतीय भौतिक शास्त्री सर सी0वी0 रमन, सर जगदीश चन्द्र बसु आदि वैज्ञानिकों के द्वारा किये गये कार्यों से शिक्षा प्राप्त करते हुये आगे बढ़ने को कहा।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डा0 एस0एस0 नेगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाओं की भूमिका सामाजिक एवं आर्थिक दोनों क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की महिलायें राज्य के सतत् विकास एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आई0आई0पी0) के निदेशक, डा0 हरेन्द्र सिंह बिष्ट ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज भारतीय महिलायें विज्ञान के क्षेत्र में बहुत अच्छे परिणामों के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आज महिलायें बायोफ्यूल्स एवं कार्बन फुटप्रिंट के क्षेत्र में हो रहे शोध, अनुसंधान एवं नवचार में विशेष कार्य करते हुये आगे बढ़ रही है।

कार्यक्रम में यूसर्क की गतिविधियों, डॉलफिन संस्था व हार्क संस्था के स्वदेशी आजीविका उत्पादों एवं औषधीय उत्पादों तथा लर्निग ट्री संस्था द्वारा अपने-अपने प्रदर्शनी भी लगायी गयी। कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डा0 ओम प्रकाश नौटियाल एवं धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, रमेश रावत, राजीव मोहन बहुगुणा आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, छात्राओं, सहित 360 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा राज्य स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अप्लाइड साइंस, स्टेम, सामाजिक विज्ञान, परम्परागत विज्ञान आदि में सम्मानित की गयी 13 युवा महिला वैज्ञानिकों की सूची निम्नवत हैः-

यंग वुमेन साइटिस्ट एक्सीलेंस अवार्ड

1.डा0 कंचन भारद्वाज, असिस्टेंट प्रोफेसर, एस0जी0आर0आर0, विश्वविद्यालय, देहरादून
2. सुप्रिया दुबे, शोधार्थी, गुरूकुल कांगड़ी (डीम्ड विश्वविद्यालय), हरिद्वार
3. तरनुम्म जहाँ, शोधार्थी गो0ब0पन्त कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, पंतनगर
4. डा0 सरिश्मा डांगी, असिस्टेंट प्रोफेसर, ग्राफिक ऐरा (डीम्ड विश्वविद्यालय), देहरादून
5. सुकन्या, शोधार्थी, यू0पी0ई0एस0, देहरादून
6. सुषमा खोलिया, शोधार्थी, एम0बी0 (पी.जी.) कॉलेज, हल्द्वानी नैनीताल

यंग वुमेन साइटिस्ट अचिवमेंट अवार्ड

1. डा0 सुधा पाल, अतिथि संकाय, एम0बी0 (पी0जी0) कॉलेज, हल्द्वानी नैनीताल
2. डा0 अमिता तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर, एम0बी0 (पी.जी.) कॉलेज, हल्द्वानी नैनीताल
3. डा0 जय लक्ष्मी रावत, असिस्टेंट प्रोफेसर, आर0सी0यू0 (पी.जी.) कॉलेज, उत्तरकाशी
4. डा0 मिथलेश सिंह, वैज्ञानिक ‘डी’, गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल, अल्मोड़ा
5. डा0 अंशु भाटिया, असिस्टेंट प्रोफेसर, कोर विश्वविद्यालय, रूड़की
6. डा0 निक्की नौटियाल, असिस्टेंट प्रोफेसर, सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय, देहरादून
7. डा0 भुपेन्द्र ओलख, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चम्पावत

 


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