उत्तराखण्ड में अब नहीं लगेगा लाॅकडाउन, नियंत्रित ढंग से अनलाॅक की ओर जाना सरकार की कोशिश।
देहरादून। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर जिलास्तर पर निगरानी समितियां बनाई हैं। देहरादून की निगरानी समिति की 15 दिन लॉकडाउन की सिफारिश है। निगरानी समिति की सिफारिश पर उच्च न्यायालय ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 15 दिन लॉकडाउन लगाने के बारे में पूछा है। लेकिन पिछले कुछ समय से सरकार जिस तरह से अनलॉक को लेकर लगातार फैसले ले रही है, उससे नहीं लगता कि वह लॉकडाउन की ओर लौटेगी। आधिकारिक सूत्रों का मानना है कि लॉकडाउन करने के बजाय सरकार का पूरा फोकस कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई को और ज्यादा तेज और प्रभावी बनाने पर रहेगा।
कोरोनों संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होने के कारण न्यायालय ने भी सरकार से पूछा है कि क्या 15 दिन का लॉकडाउन संभव है। लेकिन सरकार का लॉकडाउन करने का कोई इरादा नहीं दिखाई दे रहा। अनलॉक-5 में जहां सरकार ने अब एक राज्य से दूसरे राज्य में सार्वजनिक परिवहन को अनुमति दे दी है, वहीं पर्यटकों को होटल और होम स्टे में बगैर कोविड निगेटिव रिपोर्ट के मान्य कर दिया है।
इससे अलावा चारधाम यात्रा में भी श्रद्धालुओं को कई छूट दे दी गई हैं, इन कदमों से जाहिर है कि सरकार अब कदम पीछे नहीं हटाएगी। हालांकि सचिवालय से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में अधिकारी कर्मचारी कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। लेकिन सरकार धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे सिस्टम और अर्थव्यवस्था के बीच में कोई रुकावट नहीं चाहती।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि न्यायालय का निर्देश अभी प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए पढ़ नहीं पाया हूं। लेकिन अब धीरे-धीरे रियायतें देकर हालात सामान्य करने के प्रयास हो रहे हैं। कोविड की लड़ाई को मजबूत करते हुए हमारी कोशिश अनलॉक की ओर जाने की है। सीएम के इस कथन की तस्दीक अनलॉक पांच की एसओपी करती है। गुरुवार को जारी हुई इस एसओपी में कुछ शर्तों के साथ स्कूल-कॉलेज, स्वीमिंग पूल, सिनेमा घर व सार्वजनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 100 से बढ़ाकर 200 करने की छूट दे दी गई है। साफ है कि सरकार का इरादा अब सब कुछ नियंत्रित ढंग से खोलने पर है, लॉकडाउन करने पर नहीं।