दिल्ली-एनसीआर की हवा में घुला जहर: डॉक्टर बोले-मास्क पहनकर निकलें बाहर,सभी तरह के निर्माण कार्यों पर 17 जून तक रोक
ठंड सीजन में होने वाले प्रदूषण की तरह बेहद गर्मी के दौरान भी दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता आपात स्तर पर बरकरार है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर स्तर (431) पर ही रहा। यही हाल-आस-पास शहरों का भी रहा। इस भीषण वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए उपराज्यपाल की एक आपात बैठक हुई और उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में सभी तरह के निर्माण कार्यों पर 17 जून तक रोक लगा दी गई है।
बृहस्पतिवार को भी पर्टिकुलेट मैटर (हवा में मौजूद खतरनाक कण)-10 अपने सामान्य मानकों से औसत करीब आठ गुना ज्यादा आपात स्तर पर बने रहे। पूरे दिन हवा में पीएम-10 का स्तर 700 से 800 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच रहा। इससे लोगों को कोई खास राहत नहीं मिली।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि अगले तीन दिन हवा में खतरनाक पर्टिकुलेट मैटर की ऐसी ही खतरनाक स्थिति रह सकती है।
साधारण मॉस्क पर न करें भरोसा
सफर ने आम लोगों के लिए जारी अपनी एडवाइजरी में कहा है कि घरों से बाहर न निकलें और खिड़की दरवाजे बंद रखें। एन-95 या पी-100 के अलावा किसी मॉस्क पर भरोसा न करें। यदि सुबह-शाम सैर पर जाते हों तो अगले तीन दिन मत जाएं।
कुछ घटी धूल की परत, साफ हुआ आसमान
बुधवार की तुलना में बृहस्पतिवार को धुंध और धूल की मोटी परत कुछ हल्की हुई है। बावजूद इसके उपराज्यपाल के आदेश पर दिल्ली में सभी निर्माण कार्यों पर 17 जून तक रोक रहेगी और सड़कों को यांत्रिक तरीके से साफ किया जाएगा। जगह-जगरह पानी के छिड़काव का भी निर्देश दिया गया है।
हवा में आठ गुना ज्यादा पीएम-10
हवा की गुणवत्ता पर पल-पल की निगरानी रखने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष (सीसीआर) ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर की हवा में पर्टिकुलेट मैटर के स्तर में बेहद मंद गति से गिरावट हो रही है। बावजूद इसके दिनभर पीएम 10 अपने सामान्य मानक से 8 गुना ज्यादा और पीएम 2.5 अपने सामान्य मानक से 4 गुना ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। पीएम 10 का सामान्य मानक 100 और पीएम 2.5 का सामान्य मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम की स्थिति
सुबह छह बजे – पीएम 10 – 795 ,पीएम 2.5 – 284 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
दोपहर 12 बजे – पीएम 10- 783 , पीएम 2.5 -281 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
शाम पांच बजे – पीएम 10- 754, पीएम – 2.5 271 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर
निर्माण कंपनियों और एजेंसियों को हिदायत
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयुक्त सचिव ए सुधाकर ने कहा कि लोगों को इस वक्त बाहरी वातावरण में किसी भी तरह की गतिविधि से बचना चाहिए। निर्माण करने वाली कंपनियों और निगरानी एजेंसियों के साथ बैठक की गई और उन्हें सख्त हिदायत दी गई है कि ऐसी स्थिति में वे धूल प्रदूषण और नियंत्रण के लिए उपाय करें।
धूल के गुबार की वजह
पर्यावरणविद व सुप्रीम कोर्ट गठित पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि वे स्थिति पर नजर रख रही हैं। जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अचानक आई यह स्थिति मानवीय नहीं पूरी तरह प्राकृतिक है। राजस्थान से उड़कर दिल्ली आने वाली रेत और धूल ने यह स्थिति पैदा की है।
तीन दिन विभिन्न शहरों की एक्यूआई स्थिति
दिन – बृहस्पतिवार बुधवार मंगलवार
दिल्ली 431 445 296
गुरुग्राम 485 488 308
ग्रेटर नोएडा 500 500 उपलब्ध नहीं
नोएडा 390 340 342
गाजियाबाद 384 353 333
नोट – विभिन्न शहरों का एक्यूआई स्रोत सीपीसीबी है। मंगलवार की स्थिति के बाद अचानक परिवर्तन आया। धूल भरी आंधी के कारण बुधवार और बृहस्पतिवार को विभिन्न शहरों में एक्यूआई बहुत खराब (301-400) और गंभीर (401-500) स्थिति में रिकॉर्ड हुआ।