असम के अपडेटेड सिटीजन चार्टर में 40 लाख लोगों के नाम नहीं
असम में एनआरसी ने अपनी फाइनल लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 40 लाख लोगों को भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। वहीं 2 करोड़ 89 लाख लोगों को राज्य में भारतीय नगरिक माना गया है। एनआरसी के स्टेट को-आर्डिनेटर प्रतीत हजेला ने यह जानकारी दी है।
बता दें कि असम में वैध नागरिकों की पहचान के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) ने यह दूसरा ड्राफ्ट जारी किया है। इसे लेकर राज्य में पहले से ही अल्पसंख्यकों में भय और असमंजस का माहौल था। वहीं असम की सीमा से लगे चार राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय और मणिपुर) ने घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है।
लगभग तीन साल से एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया जारी थी। पहले इसका प्रकाशन 30 जून को होना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए इसकी समयसीमा एक महीने बढ़ा दी थी। एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हलेजा ने बताया कि मसौदा राज्य के सभी एनआरसी सेवा केंद्रों पर प्रकाशित कर दिया गया है। आवेदक सूची में अपना नाम, पता और फोटो देख सकते हैं। साथ ही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। जिसपर फोन करके भी पता लगाया जा सकता है, कि उन्हें भारतीय नागरिकता मिली है या नहीं।
वहीं इससे पहले राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भरोसा दिया है कि वैध रूप से भारत में आने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी और उन्हें बाद में विदेशी न्यायाधिकरण के समक्ष अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा। केंद्रीय गृहमंत्री ने साफ किया है कि 30 जुलाई को महज मसविदा प्रकाशित होगा। बाद के दावों और आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम एनआरसी का प्रकाशन होगा। फिर भी अल्पसंख्यकों का भय खत्म नहीं हो रहा है।
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नगालैंड भी एनआरसी अपडेट करने का कर रहा विचार