कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने किया मुशर्रफ का समर्थन, कहा- कश्मीरी चाहते हैं आजादी
राज्यपाल शासन लगने से जम्मू -कश्मीर का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसी बीच कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का एक दशक पहले दिया बयान सही है कि कश्मीरी आजादी चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मुशर्रफ का कहना था कि कश्मीरी पाकिस्तान के साथ नहीं जाना चाहते उनकी पहली पसंद आजादी है। यह बयान तब भी सही था और अब भी सही है। मैंने भी यही बात कही है लेकिन मुझे मालूम है कि ऐसा नहीं हो सकता है।’
सोज का कहना है कि उनके बयानों से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। यूपीए सरकार में मंत्री रहे सैफुद्दीन सोज ने कहा कि केंद्र सरकार को हुर्रियत नेताओं के साथ खुलेतौर पर बात करनी चाहिए। 1953 से अब तक जितनी भी सरकारें बनी हैं उनसे कश्मीर मसले पर कोई ना कोई गलती हुई है। फिर चाहे वह नेहरू की या फिर इंदिरा की सरकार रही हो। कांग्रेस नेता की कश्मीर मुद्दे पर अगले हफ्ते एक किताब आने वाली है जिसका नाम है कश्मीर: ग्लिम्पसिस ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल।
सोज का कहना है कि यदि केंद्र सरकार कश्मीर मसले को सुलझाना चाहती है तो उसे कश्मीरियों के लिए एक ऐसा माहौल बनाना होगा जिसमें वह सुरक्षित महसूस कर सकें और बातचीत के लिए तैयार हो जाएं। सबसे पहले हुर्रियत के नेताओं से और उसके बाद मेनस्ट्रीम पार्टियों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध और आवाजाही बढ़नी चाहिए। दोनों देशों के लोग करीब आएंगे तो बात बनेगी। परवेज मुशर्रफ ने अपने देश में काफी हद तक इस तरह का माहौल बना लिया था। इसके तहत शांति लाई जा सकती है।
शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष को सैफुद्दीन सोज के बयान का जवाब देना चाहिए और यह बताना चाहिए कि क्या यह उनकी पार्टी की विचारधारा है। यदि सोज के मन में पाकिस्तान और मुशर्रफ के प्रति इतनी ही आसक्ति है तो उन्हें पाकिस्तान जाकर उनका नौकर बन जाना चाहिए।’ इस ममाले पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘एक केंद्रीय मंत्री के नाते उन्होंने (सैफुद्दीन सोज) अपनी केंद्रीय शक्तियों का इस्तेमाल तब किया था जब उनकी बेटी का जेकेएलएफ ने अपहरण कर लिया था। इस तरह के लोगों की मदद करने का कोई फायदा नहीं होता है। जो कोई यहां रहना चाहता है कि वह संविधान के हिसाब से रह सकता है। यदि उन्हें मुशर्रफ पसंद है तो हम उन्हें पाकिस्तान का टिकट दे देते हैं।’