बदरीनाथ में 12 साल बाद मई में गिरी बर्फ, केदारनाथ में भी बर्फबारी
बदरीनाथ में 12 साल बाद मई में बर्फ गिरी है। लगातार दूसरे दिन धाम और इसके आसपास के इलाके में बर्फबारी हुई है। इससे यहां का मौसम ठंडा हो गया है। सोमवार को नर नारायण पर्वत और नीलकंठ पर्वत पर हिमपात हुआ। बदरीपुरी में भी बर्फबारी हुई है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ में पहाड़ी से बोल्डर आने व वर्षा से मार्ग अवरुद्ध है ।
बदरीनाथ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हालांकि यात्रियों की श्रद्धा में कोई कमी नहीं है। भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। कड़कड़ाती ठंड के बावजूद भी यात्रियों के आने का सिलसिला जारी रहा। जहां रविवार को दस हजार से अधिक यात्रियों ने भगवान के दर्शन किये। वहीं सोमवार को दोपहर तक 6 हजार से अधिक यात्री भगवान के दर्शन कर चुके थे। बताया गया है कि बदरीनाथ में 12 वर्ष बाद मई में हिमपात हुआ है। इससे पहले वर्ष 2006 मई में बर्फ गिरी थी है।
केदारनाथ में चार बार हुई बर्फबारी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में सोमवार को रुक-रुक कर चार बार बर्फबारी हुई। जबकि सुबह तेज बारिश हुई। हालांकि केदारनाथ में वर्तमान में बर्फ रुक नहीं पा रही है इस कारण बर्फ गिरते ही पिघल गई। दोपहर बाद यहां हल्की धूप निकलने से तीर्थयात्रियों ने राहत ली। केदारनाथ यात्रा पर इस बार मौसम खासा असर डाल रहा है। अभी तक आठ दिनों में केदारनाथ धाम में 87381 तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं। मौसम खराब होने से यात्रियों को कई स्थानों पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रास्तों में रुकने के ज्यादा बेहतर इंतजाम नहीं है जिस कारण उन्हें बारिश में भी चलना पड़ रहा है। महज लिंचौली और केदारनाथ में ही अधिकतम यात्री ठहरने की व्यवस्था है। इधर सोमवार को केदारनाथ धाम के लिए सांय 4 बजे तक 7665 यात्री विभिन्न पड़ावों से रवाना हुए।
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की पहाड़ियो पर गिरी बर्फ
उत्तरकाशी। जिले भर में गत रविवार से शुरू हुई बारिश का सिलसिला सोमवार को भी रूक रूक कर जारी रहा। जिसके चलते गंगोत्री यमुनोत्री धाम की ऊंची चोटियों को हल्की बर्फवारी का नजारा देखने को मिला। बाबजूद इसके बाद भी दोनो धामों में यात्रियों भारी संख्या में दर्शनों को पहुंचते रहे।
बर्फ की फाहों के बीच याक की सवारी
बदरीनाथ में याक की पीठ पर सवारी कर फोटो खिंचवाने का लुत्फ श्रद्धालुओं ने सोमवार को खूब लिया। याक की सवारी बदरीनाथ में पहली बार हो रही है। इसे एक पशुपालक ने पाला है। याक की पीठ पर गलिचे रखकर फोटो का आनंद लेते श्रद्धालु व पर्यटक दिखे।
चमोली जिले के देवाल में चलीं हवाएं
चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में सोमवार को सुबह से ही मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा। दिन भर क्षेत्र में तेज हवाएं चलती रही। जिस कारण जंगलों में कर्इ पेड़ पौधे उखड़ गए हैं। वहीं दोपहर बाद क्षेत्र में झमाझम बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है। रूपकुंड, बगुबावासा, पातरनाचनी, ज्यूरागली में हिमपात होने से क्षेत्र में ठंडी हवाएं चल रही हैं।