May 3, 2024

महिला सुरक्षा के मद्येनजर स्कूलों और कॉलेजों की छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण।

देहरादून। सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 में पढ़ने वाली छात्राओं को सरकार की प्रमुख योजना समग्र शिक्षा के तहत आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए तीन महीने के लिए प्रत्येक स्कूल को प्रतिमाह 3000 रुपये प्रदान किये जा रहे हैं। इसके तहत छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्मविकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में भी दिये जा रहे हैं। ये आवासीय विद्यालय हैं, जहां वंचित वर्गों की लड़कियां कक्षा 6 से 12 तक पढ़ती हैं।

आत्म रक्षा प्रशिक्षण नियमित रूप से केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों और केंद्रीय तिब्बती विद्यालय प्रशासन के स्कूलों की छात्राओं को दिया जाता है। इसके तहत लड़कियों को जूड़ो, ताइक्वाड़ों और मुक्केबाजी इत्यादि में प्रशिक्षित किया जाता है। केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर इन खेलों में प्रतिस्पर्धाओं और टूर्नामेंटों का आयोजन किया जाता है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग समय-समय पर उच्च शिक्षा संस्थानों को पत्र लिखकर आग्रह करता है कि वे प्रबंधन और अध्यापकों को जागरूक करें तथा ‘सक्षम’ रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने का रोडमैप तैयार करें। इन संस्थानों को लैंगिक संवेदनशीलता के लिए कार्यक्रमों तथा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 18 फरवरी, 2014; 28 अगस्त, 2014; 1 सितम्बर, 2014 और 6 नवम्बर, 2014 को भेजे अपने पत्र में परिसर में महिलाओं की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों के परिसरों के अंदर और बाहर, दोनों स्थानों पर छात्र सुरक्षा के दिशा-निर्देश भी बनाए हैं।

महिलाओं और बच्चों के संबंध में दिल्ली पुलिस की स्पेशल पुलिस यूनिट स्कूलों/ कॉलेजों/ एमएनसी/ अस्पतालों/ संस्थानों/ गैर-सरकारी संस्थानों/ एनसीसी/ होटल इत्यादि के प्रमुखों के आग्रह के आधार पर छात्रों, कामकाजी महिलाओं और ग्रहणियों के लिए प्रशिक्षण कक्षाओं तथा कार्यशालाओं का आयोजन करती है।


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