May 18, 2024

मणिपुर मुद्दे पर संसद में हंगामा; सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित

संसद के मानसून सत्र का आज छठा दिन है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई।

वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर तक सुचारू रूप से चली। इसके बाद यहां भी हंगामा शुरू हो गया। एनडीए सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए जिसके जवाब में विपक्षी सांसदों ने भी INDIA-INDIA के नारे लगाए। हंगामा बढ़ता देख राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मणिपुर पर विरोध जताते हुए काले कपड़े पहनकर पहुंचे विपक्षी सांसद

इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन के सभी संसद सदस्य मणिपुर की स्थिति पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए काले कपड़े पहनकर सदन पहुंचे। समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी और पीएम एक हैं। मणिपुर में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की ओर से फैलाई गई नफरत और भाजपा की वोट बैंक की राजनीति का नतीजा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि एजेंसियों को पता न हो। वहां जो कुछ भी हो रहा है, उसकी उन्हें (केंद्र सरकार) जानकारी होनी चाहिए। अगर सरकार ने यह सब होते देखा है, तो उन्हें सत्ता में नहीं रहना चाहिए।

पीयूष गोयल बोले- विपक्ष का वर्तमान, अतीत, भविष्य काला है

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भारत की विदेश नीति में नवीनतम विकास पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के बयान के तुरंत बाद विपक्षी सांसदों द्वारा पहने जाने वाले काले कपड़ों पर एक टिप्पणी की।

उनका कहना है, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने गंभीर मामले पर भी राजनीति हो रही है। ये भारत के सम्मान की बात है, दुनिया के सामने भारत की उभरती छवि की बात है। मुझे लगता है कि जो लोग काले कपड़े पहन रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। विपक्ष के नेता देश की बढ़ती ताकत को समझें। उनका वर्तमान, अतीत और भविष्य काला है। लेकिन हमें उम्मीद है कि उनके जीवन में भी रोशनी होगी।

AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आज INDIA गठबंधन के सांसदों ने फैसला किया है कि मणिपुर के लोगों पर हो रहे अत्याचार और वहां हो रही बर्बरता का विरोध करने के लिए हम काले कपड़े पहनेंगे और आज संसद जाएंगे। यह एक प्रतीकात्मक विरोध होगा ताकि यह संदेश दिया जा सके कि दुख की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं।

राघव बोले- सरकार अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाए

हम सरकार को यह एहसास दिलाने की कोशिश करेंगे कि इस देश का अभिन्न अंग मणिपुर जल रहा है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि मणिपुर को बचाएं और अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाएं। राज्य सरकार को भंग कर दिया जाना चाहिए और सीएम को बर्खास्त कर देना चाहिए।

रामगोपाल यादव बोले- हम मणिपुर को लेकर चिंतित हैं

संसद में गतिरोध पर समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा। हर कोई काले कपड़े पहनेगा या अपनी बांह पर काला कपड़ा बांधेगा। हम चिंतित हैं क्योंकि मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है, जहां सैन्य शासन है और आतंकवादियों को पनाह मिलता है।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें संसद में बोलने का मौका नहीं मिलता। हमने मांग की है कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करें। पता नहीं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोल रहे हैं? हमें मजबूरन अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हम जानते हैं कि इससे सरकार नहीं गिरेगी, लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। देश के प्रधानमंत्री को देश के सामने आना चाहिए और मणिपुर पर बोलना चाहिए।

विपक्षी दलों के नेता रणनीति के लिए खड़गे से करेंगे मुलाकात

इस बीच, विपक्षी दलों के नेता महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए गुरुवार को संसद में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को I.N.D.I.A गठबंधन के विपक्षी दलों की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। फिलहाल, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की तारीख और समय का निर्धारण नहीं किया गया है।

कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी ने अपने सांसदों को 27 और 28 जुलाई को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। व्हिप जारी कर सांसदों से राज्यसभा में उपस्थित रहने का आग्रह किया है। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि कल यानी गुरुवार, 27 जुलाई, 2023 को राज्यसभा में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

इससे पहले गुरुवार को राजद सांसद मनोज झा ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने गुरुवार को चीन के साथ सीमा की वर्तमान स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।


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