सचिव के सलेक्शन पर उठाए सवाल,सवालो के घेरे में राधिका झा
देहरादून। सचिव उर्जा की भूमिका को लेकर यू तो रोज शासन से लेकर जनता में सवाल उठते रहते है, लेकिन इस बार सवाल उठाने वाला कोई और नही बल्कि उर्जा निगम का ही अधिकारी है। अधिकारी का दर्द इतना गहरा है कि उसने सचिव उर्जा की चयन प्रक्रिया पर ही सवाल खडे कर दिये है। जिससे एक बार फिर ये साबित हो गया है कि सचिव उर्जा अपने चहेतों को एडजस्ट करने के लिए किसी भी स्तर तक जाने के लिए तैयार है।
ताजा मामला अवार्ड के लिए नामित अधिकारियों से जुडा हुआ है। जिसे लेकर उत्तराखंड पाॅवर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता आरएस बुर्फाल ने सचिव उर्जा राधिका झा के चयन पर ही सवाल खडे कर दिये हैं। सचिव उर्जा ने सौभाग्य योजना में बेहतर काम करने वाले जिन पांच अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम का चयन कर केंद्र को भेजा है, दरसल उनकी भूमिका ही संदेह के दायरे में है।
मुख्य अभियंता ने निदेशक परिचालक अतुल अग्रवाल को भेजे पत्र में चयन पर सवाल उठाने के साथ ही कई गंभीर विषय भी उठाये हैं। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम बेहतर काम करने वालों के रूप में भेजे गए हैं, उनकी इस प्रोजेक्ट में कोई भूमिका ही नहीं है। उनका आरोप है कि ऐसे अफसरों का नाम अवार्ड के लिए चुना गया है जिन्होंने महज छह महीने भी इस प्रोजेक्ट में काम नहीं किया है। जबकि उक्त अधिकारियों ने प्रोजेक्ट पूरा होने से पूर्व ही मलाई दार स्थानों पर अपनी पोस्टिंग करवा दी है। जबकि प्रोजेक्ट पूरा होने से पूर्व ट्रांसफर नही किया जा सकता है। आगे आरएस बुर्फाल लिखते है कि इस प्रकार के चयन से मेहनत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल टूटटा है। उधर आरएस बुर्फाल के लेटरबम से उर्जा निगम के कर्मचारी और अधिकारी दबी जुबान इसे सही ठहरा रहे है। वही कुछ लोगों का यह भी मानना है कि उर्जा सचिव और निगम प्रबंधन की मिलिभगत से यह सब हो रहा है। जिसका समाधान किया जाना चाहिए।
क्या कहते है बयान
पूरे मामले में कही भी चयन का आधार साफ नही किया गया है। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका नाममात्र की रही है उन्हें ही अवार्ड दिया जा रहा है। यह प्रक्रिया सही नहीं है, इससे बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के मनोबल पर प्रभाव पडेगा, जो ठीक नहीं है। यह सलेक्शन कब और कैसे किया गया इस पर भी सवाल उठते है। जहा तक मेरी राय है वह पूरी तरीके से साफ है कि यह सम्मान सिर्फ कुछ लोगों को एडजस्ट करने के लिए दिया जा रहा है। आरएस बुर्फाल, मुख्य अभियंता
मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जहा तक चयन प्रक्रिया का सवाल है तो उच्च अधिकारियों द्वारा जो भी चयन किया गया होगा वह सही होगा। निगम कर्मचारियों और अधिकारियों की कोई परेशानी और शिकायत नही है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया था, संभवत इसके बाद ही यह निर्णय लिया गया होगा।
एके सिंह मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता यूपीसीएल