एनसीपी में फूट के बाद अब चाचा-भतीजे की अग्नि परीक्षा? चुनाव आयोग ने अजित गुट और शरद पवार को दिए ये निर्देश
एनसीपी में फूट के बाद पार्टी में दो गुट बन गया है. ANI के अनुसार सूत्रों ने बताया कि भारत के चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट और अजीत पवार गुट दोनों को उन दस्तावेजों को एक-दूसरे के साथ साझा करने का निर्देश दिया है जो पहले दोनों समूहों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए थे. सूत्रों के अनुसार, गुटों को तीन सप्ताह के भीतर ईसीआई को एक-दूसरे के साथ दस्तावेज साझा करने की पुष्टि करने का भी निर्देश दिया गया है.
एनसीपी का बॉस कौन?
सूत्रों ने कहा, “ECI ने दोनों गुटों को भविष्य में किसी भी प्रस्तुतिकरण की एक प्रति दूसरे समूह को भी देने का निर्देश दिया है.” एनसीपी से अलग हुए गुट के नेता अजित पवार ने पहले “एनसीपी अध्यक्ष” के रूप में ईसीआई को पत्र लिखा था और आठ पार्टी विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने से दो दिन पहले पार्टी के नाम और ‘घड़ी’ चिन्ह पर दावा किया था.
किसे मिलेगा चिन्ह?
जवाब में, एनसीपी संस्थापक शरद पवार ने ईसीआई के समक्ष एक कैविएट दायर की और कहा कि जब तक चुनाव आयोग अजित की याचिका पर उनके तर्क पर ध्यान नहीं देता, तब तक कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए. अजित पवार ने ईसीआई को अपनी याचिका में कहा, “मैं एनसीपी अध्यक्ष हूं, इसलिए चुनाव चिन्ह आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार पार्टी का चुनाव चिन्ह मुझे आवंटित किया जाना चाहिए.”
हालांकि, शरद पवार ने कहा कि उन्होंने “असली” एनसीपी का नेतृत्व किया है और कोई भी घड़ी का चुनाव चिन्ह नहीं छीन सकता. इस महीने की शुरुआत में, अजित पवार आठ अन्य एनसीपी विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए, जिससे अनुभवी नेता और उनके चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी विभाजित हो गई.