‘कश्मीर घाटी के अंदर से हटा देंगे सेना-सशस्त्र बल, अनुच्छेद 370 नहीं छेड़ेंगे’, पढ़ें- कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर से क्या वादे किए
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस की तरफ से जारी घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए अलग से जो वादे किए गए हैं, उनमें साफ तौर पर कहा है कि सत्ता में आने पर भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. पार्टी ने कहा है कि इस संवैधानिक स्थिति को बदलने की न तो अनुमति दी जाएगी, न ही ऐसा कुछ भी प्रयास किया जाएगा. दरअसल, अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करती है. साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि वह कश्मीर घाटी में सेना और सशस्त्र बलों की मौजूदगी को कम करेगी.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया. मैनिफेस्टो में जम्मू-कश्मीर के लिए कहा गया है कि हम राज्य के अनुपम इतिहास और उन अद्वितीय परिस्थितियों का सम्मान करते हैं, जिनके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य ने भारत में विलय को स्वीकार किया, जिसकी वजह से भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 को शामिल किया गया. इस संवैधानिक स्थिति को बदलने की न तो अनुमति दी जाएगी, न ही ऐसा कुछ भी प्रयास किया जाएगा.
पार्टी की तरफ से नौ बिंदुओं में राज्य से किए गए वादों में कहा गया है कि कांग्रेस सशस्त्र बलों की तैनाती की समीक्षा करेगी, घुसपैठ रोकने के लिए सीमा पर अधिक सैनिकों को तैनात करेगी, कश्मीर घाटी में सेना और सीएपीएफ की मौजूदगी को कम करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को और अधिक जिम्मेदारी सौंपेगी.
साथ ही पार्टी की तरफ से वादा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम और अशांत क्षेत्र अधिनियम की समीक्षा की जाएगी. सुरक्षा की जरुरतों और मानवाधिकारों के संरक्षण में संतुलन के लिये कानूनी प्रावधानों में उपयुक्त बदलाव किए जाएंगे.
घोषणा पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों से बिना शर्त बातचीत करेगी और बातचीत के लिए नागरिक समाज से चुने हुए 3 वार्ताकारों की नियुक्ति करेंगे. साथ ही कहा गया है कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे.