खाद्य वस्तुओं की कीमतों का निगरानी तंत्र होगा ऑनलाइन, देश भर में कीमतों पर लगेगी लगाम
महत्वपूर्ण खाद्य सामग्रियों की कीमतों के निगरानी तंत्र को केंद्र सरकार मजबूत करने की तैयारी में है। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है, जिसके तहत देश भर के प्राइस मॉनिटरिंग सेल ‘पीएमसी’ को एकीकृत प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाएगा। साथ ही ढांचागत सुविधाओं और संसाधन मुहैया कराने का पूरा खर्च मंत्रालय उठाएगा।
मंत्रालय द्वारा तैयार की गई योजना की रूपरेखा के मुताबिक, राज्य सरकारों से खाद्य सामग्रियों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया जा चुका है। सभी ने इसका समर्थन किया है, क्योंकि इस तंत्र के कामकाज करने का तरीका पुख्ता नहीं था।
पूरा तंत्र संचार माध्यम और कागजी कार्यवाही पर ही टिका था। ऐसे में तमाम खामियों की संभावनाएं प्रबल हो जाती थीं। कई मौकों पर यह देखा गया कि महज दशमलव का नहीं होना तैयार की गई रिपोर्ट को गलत साबित कर देता था। मंत्रालय के अनुसार, ऐसी ही विभिन्न कमियों के मद्देनजर सभी पीएमसी में कंप्यूटर सहित अन्य ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराने और एकीकृत व्यवस्था लाने का निर्णय लिया गया।
हर राज्य में होंगे पांच पीएमसी
रूपरेखा के मुताबिक, हर पीएमसी में संविदा पर डाटा एंट्री ऑपरेटर रखा जाएगा। उन्हें जीओटैगिंग संसाधन ‘स्थान, चित्र और क्षेत्र में होने वाले जरूरी खाद्य संबंधी सूची’ एक सिम के साथ मुहैया कराए जाएंगे। हर राज्य में कम से कम 5 पीएमसी होंगे, जिन्हें कीमतें एकत्र करने और रिपोर्ट का खर्च मुहैया कराया जाएगा।
यह खर्च सालाना डेढ़ लाख रुपये प्रति केंद्र होगा, जबकि कंप्यूटर संबंधी ढांचागत, सॉफ्टवेयर और एंटी वायरस के लिए प्रत्येक पांच साल में 1.31 लाख रुपये हर पीएमसी को दिया जाएगा। इसके अलावा, डाटा ऑपरेटर को 16,500 रुपये प्रति माह और इंटरनेट सहित अन्य के लिए 18,000 रुपये सालाना मुहैया कराया जाएगा।
उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि जरूरी खाद्य वस्तुओं की समुचित और सही जानकारी मिलने से एक भारी समस्या से निपटा जा सकता है। अगर किसी राज्य में उस वस्तु की भारी कमी है और किसी राज्य में अधिकता है, तो आपूर्ति के लिए अमुक राज्य से दूसरे को सहयोग कराया जा सकता है। इसके अलावा, कीमतों की निगरानी सही तरीके से हो सकेगी।
जान-बूझकर बाजार में भाव बढ़ाए जाने जैसी गतिविधि पर नियंत्रण किया जा सकेगा, जिससे आम उपभोक्ता को राहत मिलेगी। गौरतलब है कि जरूरी खाद्य वस्तुओं की सूची में चावल, गेहूं, दाल, चीनी, गुड़, कड़ुवा तेल, चाय, दूध, टमाटर, प्याज और आलू सहित 22 वस्तुएं शामिल हैं। मौजूदा समय में इनकी निगरानी के लिए देश में 101 पीएमसी हैं, लेकिन कोई भी ऑनलाइन नहीं हैं और पूरी रिपोर्ट फोन पर बातचीत के आधार पर तय होती है।