May 19, 2024

मध्य प्रदेश सरकार के सतपुड़ा भवन में सरकारी फाइलें जलीं या जलाई गईं? 17 घंटे में शांत हुई आग; जानें कितना बड़ा नुकसान

भोपाल में सचिवालय के सामने स्थित एमपी सरकार के सतपुड़ा भवन में लगी आग पर करीब 17 घंटे बाद काबू पा लिया गया है। सोमवार शाम करीब चार बजे भोपाल की सरकारी बिल्डिंग सतपुड़ा भवन में आग लगी थी। आग तीसरे फ्लोर में लगी थी जो बढ़ते बढ़ते छठे फ्लोर तक पहुंच गई थी जिसे अब कंट्रोल कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि इस अग्निकांड में कई सरकारी फाइलें जलकर खाक हो गई हैं। सतपुड़ा भवन में लगी आग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थोड़ी देर में अपने घर पर रिव्यू मीटिंग करने जा रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव , डीजीपी के अलावा मंत्री नरोत्तम मिश्रा और कई आला अधिकारी शामिल होंगे।

चार मंजिल जलकर खाक

बता दें कि भोपाल के सतपुड़ा भवन ने कल शाम 4 बजे आग लगी थी जिसने धीरे धीरे विकराल रूप ले लिया। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की करीब 30 गाड़ियां और टीम घंटों मशक्कत करती रहीं। आग इतनी बढ़ गई थी कि सीएम शिवराज सिंह चौहान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एयरफोर्स की मदद मांगनी पड़ी थी। सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी फोन पर बात की। प्रधानमंत्री ने सीएम शिवराज को हर तरह की मदद का भरोसा दिया था और अब 17 घंटे की मेहनत के बाद आग को कंट्रोल कर लिया गया है। लेकिन तब तक विभिन्न विभागों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर राख हो गए।

बताया जा रहा है कि छह मंजिला इमारत में लगी इस भीषण आग में चार मंजिलों का करीब 80 फीसदी हिस्सा जल गया। इस आग में करीब 12 हजार फाइलें जलने की बात भी कही जा रही है।

satpura bhawan fire

आग की लपटों में कांग्रेस को दिखी ‘साजिश’

इस आग से चुनावी मोड में आ चुके मध्य प्रदेश में भी सियासत गरमा गई है। कांग्रेस का दावा है कि शिवराज सरकार विदाई से पहले भ्रष्टाचार की फाइलें जलाने का काम कर रही हैं। पहले पहले व्यापम कांड के गवाहों को मिटाया गया, अब सबूतों को जलाया जा रहा है। विपक्षी नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि सतपुड़ा भवन में लगी आग घोटालों के दस्तावेजों को जलाने की साजिश थी। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी, प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव सहित कई अन्य पार्टी नेताओं ने आशंका जताई है। उन्होंने कहा, ”सीएम चौहान.. मेरा सीधा सवाल है.. आग लगी थी या लगाई गई है? आमतौर पर माना जाता है कि सरकार ऐसी ‘कार्रवाई’ चुनाव से पहले सबूत मिटाने के लिए करती है। अब भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि पुरानी आग की घटना में दोषी कौन थे। कितने लोगों को सजा मिली?

वहीं, प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा ने दावा किया कि घटना सोची-समझी साजिश थी। मिश्रा ने कहा, हमने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी (आग) भविष्यवाणी की थी कि चूंकि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए कमीशन और भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा सरकार अपने घोटालों को छिपाने के लिए कागजों को नष्ट कर देगी।

2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी लगी थी आग

इसी तरह की आग की घटना 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी। सतपुड़ा भवन स्थित विभिन्न विभागों के बड़ी संख्या में दस्तावेज जलकर खाक हो गए और सरकार का दावा था कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। जून 2011 में भी इसी इमारत में आग लगी थी, हालांकि एक दशक बीत जाने के बाद भी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

 


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