May 3, 2024

राफेल सौदे के दौरान रक्षा मंत्रालय के समानांतर पीएमओ भी बातचीत कर रहा था?

शुक्रवार को अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में प्रकाशित खबर में दावा किया गया कि भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदे के दौरान रक्षा मंत्रालय के समानांतर पीएमओ भी बातचीत कर रहा था। अखबार ने तत्कालीन रक्षा सचिव मोहन कुमार के एक नोटिंग के हवाले से यह दावा किया।

नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट पर मचे हंगामे के बीच भारतीय पक्ष की तरफ से वार्ता की अगुआई करने वाले एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने रक्षा मंत्रालय के नोट के सिलेक्टिव इस्तेमाल की आलोचना की है। उन्होंने खरीद प्रक्रिया को बदनाम करने के लिए अंग्रेजी अखबार पर भी निशाना साधा। टॉप कॉमेंटअब मामलेको जिंदा रहकना है चुनाओ तक तो कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा, वेरना आउल गाँधी मुद्दा विहीन हो जायेगा.

सिन्हा ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, ‘मुझे यह जानकर काफी आश्चर्य हुआ कि आज प्रकाशित आर्टिकल में तथ्यों को छिपाकर MoD के नोट का इस्तेमाल इस खरीद को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया। रक्षा मंत्री की टिप्पणी इसमें थी ही नहीं।

‘ एयर मार्शल SBP सिन्हा ने आगे कहा कि  नोट का राफेल खरीद के लिए बात कर रही भारतीय टीम के साथ कोई लेनादेना नहीं था क्योंकि इसे वार्ताकारों की टीम ने जारी नहीं किया था।उन्होंने कहा, ‘यह नोट SK शर्मा ने तैयार किया था, जो भारतीय वार्ताकारों की टीम में शामिल ही नहीं थे। ऐसे में किसके इशारे पर उन्होंने यह नोट तैयार किया?’ आपको बता दें कि अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में इस डिसेंट नोट का जिक्र है लेकिन इस नोट पर पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के जवाब की कोई बात नहीं की गई है।

तत्कालीन रक्षा सचिव जी मोहन कुमार ने भी सफाई देते हुए कहा है कि डिसेंट नोट का राफेल विमानों की प्राइसिंग से कोई लेनादेना नहीं था। यह पूछे जाने पर कि क्या आपको याद है कि नोट का संदर्भ क्या था, कुमार ने ANI से कहा, ‘यह संप्रभु गारंटी और सामान्य नियम व शर्तों पर था।’ कुमार 2015-17 तक रक्षा सचिव थे। 

गौरतलब है कि तत्कालीन रक्षा सचिव के नोटिंग के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले में समानांतर बातचीत कर रहा था। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस समानांतर बातचीत पर आपत्ति और चिंता व्यक्त की गई थी। शुक्रवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला। कुछ देर बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इस रिपोर्ट पर ही सवाल उठाया और एकपक्षीय करार दिया। 


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