इंटरनेशनल T20 की तरह अब IPL में होगा DRS
7 अप्रैल से शुरू होने जा रहे IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) के नए यानी 11वें सीजन में टीमें DRS (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) का इस्तेमाल भी कर सकेंगी। इस तकनीक की मदद से दोनों में से कोई भी टीम अंपायर के आउट देने या नहीं देने के फैसले को चैलेंज कर सकेंगी। इसके बाद टीवी रिप्ले से उसे कन्फर्म किया जाएगा। टी20 इंटरनेशनल मैचों में DRS पहले से ही लागू है। बता दें कि IPL में भले ही DRS का इस्तेमाल इस बार से देखने को मिलेगा, लेकिन टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने तो पिछले सीजन में ही अंपायर से इसे मांग लिया था। जबकि ना तो उस वक्त वे अपनी टीम के कप्तान थे और तब टूर्नामेंट में डीआरएस था
IPL 2017 में 6 अप्रैल को मुंबई इंडियन्स और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स टीम के बीच पुणे में मैच खेला गया था। इस मैच में एक मौके पर अंपायर ने बैट्समैन को lbw देने से मना कर दिया। जिससे नाराज पुणे टीम के विकेटकीपर एमएस धोनी ने अंपायर की ओर रिव्यू का इशारा कर दिया था।
– ये घटना मुंबई इंडियन्स की इनिंग के दौरान 14.2 ओवर में हुई थी, जब इमरान ताहिर की बॉल को खेलने में कीरोन पोलार्ड चूक गए और बॉल उनके पैड पर जा लगी। काफी जोश भरी अपील के बाद भी अंपायर एस. रवि ने पोलार्ड को आउट नहीं दिया। जिसके बाद ताहिर बहुत निराश हो गए।
– ताहिर की अपील ठुकराए जाने पर विकेट के पीछे खड़े विकेटकीपर धोनी ने अपने हाथ उठाते हुए रेफरल का इशारा कर दिया। धोनी ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ DRS का इशारा किया था।
धोनी ने इसलिए किया था ऐसा
– दरअसल धोनी को अपनी अपील पर इतना यकीन था कि वे जानते थे जैसे ही टीवी रिप्ले होगा सबकुछ साफ हो जाएगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही, क्योंकि जैसे ही टीवी रिप्ले देखा गया, ये साफ हो गया कि बॉल पैड से ही टकराई थी और सीधे मिडिल स्टंप्स में जा रही थी।
– इसी वजह से धोनी ने DRS की अपील की थी। वे अंपायर को बताना चाहते थे कि आपने गलत फैसला दिया है, और अगर DRS होता तो आपका फैसला पलट जाता।
– बता दें कि धोनी को DRS का मास्टर माना जाता है। इसी वजह से उनके फैन्स DRS को धोनी रिव्यू सिस्टम भी कहते हैं।
DRS मांगकर फंस गए थे धोनी
– इस मैच में धोनी ने भले ही मजाक-मजाक में रेफरल मांगा था लेकिन मैच रेफरी ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए उन्हें कड़ी फटकार लगाई थी। रेफरी ने धोनी को आईपीएल आचार संहिता धारा की धारा 2.1.1 का दोषी पाते हुए उन्हें फटकार लगाई थी।
– मैच रेफरी के मुताबिक धोनी की यह हरकत खेल भावना के खिलाफ थी और उन्हें खेल नियमों के अंदर रहकर व्यवहार करना चाहिए था।
क्या है DRS?
– यह तीन तकनीकों का मिला-जुला रूप है। इससे थर्ड अंपायर तय करता है कि बल्लेबाज आउट है या नहीं। इसके बाद भी यदि थर्ड अंपायर संतुष्ट नहीं है तो वह मैदानी अंपायर के फैसले पर मुहर लगाता है।
– हॉक-आई :यह वर्चुअल बॉल ट्रैकिंग टेक्निक है। इसका इस्तेमाल LBW के केस में होता है। इसके जरिए तय होता है कि बॉल पैड से लगने के बाद विकेट में लगेगी या नहीं?
– स्निकोमीटर : इसमें माइक्रोफोन के जरिए पता किया जाता है कि बॉल, बैट से टकराई है या नहीं?
– हॉट-स्पॉट :इसमें बैट्समैन की तस्वीर काली हो जाती है और बॉल के टकराने वाला हिस्सा सफेद।