गैरसैंण में विधानसभा सत्र और दून में मरीज लाचार
जी हां, शहर के प्रेमनगर अस्पताल में कुछ ऐसा ही हुआ है। अस्पताल के एकमात्र फिजीशियन को गैरसैंण ड्यूटी पर भेज दिया गया है। जिस कारण मरीजों को उपचार न मिलने के कारण मुसीबत झेलनी पड़ रही है।
प्रेमनगर अस्पताल में हर दिन करीब 300 मरीज उपचार के लिए आते हैं। जिनमें अधिकांश मरीजों की समस्या फिजीशियन से संबंधित होती है। फिजीशियन ही मरीज को डायग्नोस कर आगे किसी विशेषज्ञ के पास भेजता है। लेकिन फिजीशियन की अनुपलब्धता के कारण मरीज परेशानी झेल रहे हैं।
प्रेमनगर निवासी बुरशा आलम ने बताया कि उनके बेटे को डॉक्टर ने सात दिन की दवा लिखी थी। उसके बाद फिर दिखाने को कहा था। लेकिन जिन डॉक्टर ने उसे देखा था वह नहीं मिले। ऐसे में उसे प्राइवेट डॉक्टर को दिखाना पड़ा।
स्वास्थ्य विभाग ने विधानसभा सत्र के लिए दो आर्थोपेडिक सर्जन और एक फिजीशियन तैनात किए हैं। इसके अलावा एक निजी अस्पताल से हृदय रोग विशेषज्ञ की ड्यूटी लगाई गई है। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के पास हाल में कोई कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है। मरीजों के लिए कभी किसी निजी अस्पताल से अनुबंध कर कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती विभाग ने नहीं की। लेकिन गैरसैंण में हो रहे विधानसभा सत्र के लिए यह व्यवस्था की गई है।