बड़ी ख़बर: क्या कांग्रेस के लिए ‘जरूरी है खंडूडी’…?
शक्ति सिंह बर्त्वाल
देहरादूनः एक समय था जब भाजपा ने अपने कद्दावर नेता भुवन चंद्र खंडूडी के चेहरे को आगे कर ‘खंडूडी है जरूरी’ नारा दिया था और विधानसभा चुनाव 2012 में मैदान में उतरी थी। सात साल बाद समय ने करवट बदली और कांग्रेस के लिए खंडूडी जरूरी हो गये। कांग्रेस ने उसी खंडूडी के बेटे को पार्टी में शामिल कर इस बात की पुष्टि कर दी है।
पौड़ी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने की मंशा पाले भुवन चंद्र खंडूडी के बेटे मनीष खंडूडी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। मनीष खंडूडी पौड़ी संसदीय सीट से कांग्रेस के सभावित प्रत्याशी है। यही कारण रहा कि वह कांग्रेष में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि मनीष खंडूडी पिछले एक सप्ताह से कंग्रेस के संपर्क में थे। मनीष पौड़ी संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते है, लेकिन भाजपा से टिकट न मिलने के चलते उन्होंने कांग्रेस में शामिल होना जरूरी समझा।
उधर कांग्रेस के पास पौड़ी संसदीय सीट पर कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं होने और भाजपा के फौजी वोट बैंक पर सेंधमारी के लिए खंडूडी के बेटे पर दांव खेला। कांग्रेस का यह दांव कितना सटीक बैठता है यह तो लोकसभा चुनाव के नजीते बतायेंगे।
कांग्रेस में उबाल, नाराजगी और भीतरघात से होगा नुकसान
पौड़ी संसदीय सीट पर कांग्रेस के पास कोई मजबूत चेहरा नहीं है। यही वहज है कि कांग्रेस ने भाजपा नेता भुवन चंद्र खंडूडी के बेटे पर दांव खेला। कांग्रेस का यह दांव कितना सफल होगा यह कहना अभी ठीक नहीं है। लेकिन मनीष खंडूडी के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस में भूचाल आ गया है।
पौड़ी संसदीय सीट पर अपनी दावेदारी करने वाले पूर्व विधायक और कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी और पूर्व विधायक गणेश गोदियाल खासे नाराज हैं। दोनों नेताओं ने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर पौड़ी संसदीय सीट पर पार्टी किसी बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाती है वह इसका विरोध करेंगे। मनीष के पौड़ी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने की खबर से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि देखन यह होगा कि क्या कांग्रेस के लिए खंडूडी कितने जरूरी हैं।