‘धर्म और मंदिरों से रोजगार पैदा नहीं होगा, विज्ञान करेगा भविष्य का निर्माण’: प्रौद्योगिकीविद् सैम पित्रोदा
अहमदाबाद के कर्णावती विश्वविद्यालय में भगवान और मंदिरों पर हो रही एक चर्चा के दौरान प्रख्यात प्रौद्योगिकीविद् सैम पित्रोदा ने कहा कि धर्म और मंदिरों से नौकरियां पैदा होने वाली नहीं हैं, केवल विज्ञान ही भविष्य का निर्माण करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब रोजगार के बारे में बात की जाती है, तो इसे एक राजनीतिक स्वरूप दे दिया जाता है और इसमें सच्चाई कम, शब्दाडंबर ज्यादा होता है।
पित्रोदा ने कहा कि जब मैं इस देश में मंदिर, धर्म, भगवान, जाति के बारे में चर्चाओं को सुनता हूं, तो मैं भारत के बारे में चिंता करता हूं। भविष्य में मंदिर रोजगार उत्पन्न नहीं करेंगे। केवल विज्ञान ही भविष्य को बना सकता है।
उन्होंने कहा ‘हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र में विज्ञान पर बहुत कम ही चर्चा होती है। जब भी कोई रोजगार की बात करता है तो उसमें हमेशा एक राजनीतिक रंग होता है, जिसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं होता।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश के युवाओं को लोगों द्वारा, मुख्य रूप से राजनेताओं द्वारा गुमराह किया जा रहा है। वो बेकार की बातें करते हैं जो उन्हें गलत रास्ते में ले जाता है। ‘रोजगार और उद्यमिता’ पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य की नौकरियों को देखने के लिए भारत के पास ‘सही मानसिकता’ की कमी है क्योंकि नौकरियों की अवधारणा जिसे हम समझते हैं वह लंबे समय से मरा पड़ा है।