देश के बड़े स्टेशनों में शुमार मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर पं दीनदयाल उपाध्याय जं कर दिया गया। मंगलवार को हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू में स्टेशन के नाम का ग्लोसाइन बोर्ड लगा दिया गया। इस तरह चार दिनों से बेनाम स्टेशन को नाम मिल गया। हालांकि अभी भी प्लेटफार्मों पर नाम पट्टिका गायब है।
अधिकारियों के अनुसार चौदह जुलाई तक हर जगह पं दीनयाल उपाध्याय जं लिख दिया जाएगा। हावड़ा दिल्ली रूट पर वर्ष 1862 में अस्तित्व में आए मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया पिछले एक वर्ष से चल रही है।
संसद में प्रस्ताव पास होने के बाद 18 जून को राज्य सरकार की तरफ से स्टेशन का नाम परिवर्तन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया। इसके बाद से ही स्टेशन के नाम परिवर्तन की कवायद तेज हो गई।
दो जुलाई को ही पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) में कम शब्द सीमा में नाम का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा था। यहां से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद स्टेशन का नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई।
शुक्रवार को पहले दिन पूरे रेलवे स्टेशन पर लगे नाम पट्टिका का रंग रोगन कर नाम मिटाया गया। स्टेशन पर नया नाम नहीं लिखे जाने से यात्रियों में संशय की स्थिति रही। चार दिनों तक स्टेशन बेनाम रहा।
रेलवे सूत्रों के अनुसार इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल विभाग को नाम पट़्टिका हटाकर नया लिखने की जिम्मेदारी मिली है। जबकि नई पट़्टिका लगाने का काम 14 जुलाई तक पूरी करनी है।
इसी के तहत इलेक्ट्रिकल विभाग की ओर से ठेकेदार ने हिन्दी में पं दीनदयाल उपाध्याय जं, अंग्रेजी में पीटी दीनदयाल उपाध्याय जेएन, और उर्दू में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जं लिखे ग्लोसाइन बोर्ड को टांग दिया।
मुगलसराय मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पृथ्वीराज का कहना है कि मुगलसराय स्टेशन परिसर से मुगलसराय जंक्शन की जगह नया नाम लिखा जा रहा है। तीन चार दिन के भीतर सभी नाम बदल दिया जाएगा।