गुजरात में 20 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणामों को हाई कोर्ट में चुनौती
गुजरात में 20 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणामों को गुरुवार को हारे हुए उम्मीदवारों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने अलग अलग चुनाव याचिकाएं दायर की। गुजरात विधानसभा की 182 सीटों के लिए पिछले वर्ष दिसंबर में चुनाव हुए थे। देखना होगा कि हाई कोर्ट का इस मामले में क्या रुख रहता है। अगर हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को स्वीकर पर सुनवाई की तो राजनीतिक हलचल बढ़ना तय है। 20 सीटें ही निर्णायक हैं। हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से एक बार फिर गुजरात खबरों के केंद्र में है।
चुनाव याचिकाएं जमालपुर-खादिया, पाटन, गांधीनगर (एन), बोताद, धोल्का, हिम्मतनगर, वरछा रोड, लिंबायत, गरियाधर, गोधरा, दानिलीम्दा, संतरामपुर, मांडवी, पोरबंदर, वागरा, मर्तार, डभोई, कामरेज और देवभूमि द्वारका सीटों के संबंध में दायर की गई हैं। इन सीटों में कांग्रेस उम्मीदवारों ने चार सीटें जीती थी जबकि शेष सीटों पर भाजपा उम्मीदवार विजयी रहे थे। याचिकाकर्ताओं ने इन सीटों पर चुनाव परिणामों को रद्द करने और फिर से चुनाव कराये जाने का आग्रह किया है।
भाजपा को मिली थीं 99 सीटें
प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में भाजपा को 99 सीटों पर जीत मिली थी. लगातार छठी बार सरकार बनाई। विपक्षी कांग्रेस 77 सीटें मिली। राकांपा को एक और भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो सीटें मिली। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते. राज्य में साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 115 और कांग्रेस को 61 सीटें हासिल हुई थीं। गुजरात में 150 सीटें हासिल करने का लक्ष्य रखने वाली भाजपा को इतनी सीटें नहीं मिली। उसे कांग्रेस और तीन युवा नेताओं -हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था। गुजरात में भाजपा को 49.1 फीसदी और कांग्रेस को 41.5 फीसदी वोट मिले. 2012 में भाजपा को 47.85 फीसदी और कांग्रेस को 38.93 फीसदी वोट मिले थे।