May 6, 2024

रैबार कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारी भी दे रहे जानकारी

देहरादून। मुख्यमंत्री आवास के जनता मिलन हाॅल में रविवार को आयोजित ‘‘रैबार‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत तृतीय सत्र में ‘इनवेस्टमेंट, इन्ॅॅॅॅफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री और इन्फाॅरमेशन‘ पर चर्चा की गयी। सत्र के प्रारम्भ में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने अपने प्रस्तुतीकरण में राज्य निर्माण के बाद से अब तक की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य निर्माण के समय राज्य में 14 हजार उद्यम थे जो अब बढ़कर 41 हजार के लगभग हो गए। साथ ही, उस वक्त 9 हजार करोड़ का निवेश था, जो अब बढ़कर 37 हजार करोड़ हो गया है।
रैबार कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारियों ने जानकारी देते हुये बताया कि एमएसएमई पाॅलिसी के बाद राज्य में सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योंगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा की गयी पहल के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि इनवेस्टमेंट क्लीयरेंस का सरलीकरण किया जाए। हमें इनवेस्टमेंट फ्रंेडली राज्य बनना है। उत्तराखण्ड ने ईज आॅफ डूईंग बिजनेस पर कार्य करते हुए पूरे देश में 9वीं रैंक प्राप्त की।
इस मौके पर हँस फाउण्डेशन के सह-संस्थापक मनोज भार्गव ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में ज्ञान की कमी नहीं है, आवश्यकता है, लोगों को अवसर देने की। उत्तराखण्ड में पलायन वहीं हो रहा है जहां रोजगार, बिजली और पानी की कमी है। यदि इस क्षेत्र में कार्य होगा तो पलायन रोका जा सकेगा। भारत कृषि प्रधान देश है, तो यहाँ की खेती को बिना ईकोसिस्टम को नुकसान पहुंचाए भी बढ़ाया जा सकता है।
इण्डिया फाउण्डेशन के अध्यक्ष शौर्य डोभाल ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य को विकसित करने के लिए सोच बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें लोकल से प्रतियोगिता का लक्ष्य नहीं रखना चाहिए, बल्कि वल्र्ड क्लास बनने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने राज्य के सेब को वल्र्ड क्लास बनाने की कोशिश करेंगे तो ही उसको विकसित कर पाएंगे। कृषि हो या पर्यटन हमें वल्र्ड क्लास होना होगा।
इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि राज्य प्राकृतिक रूप से अत्यधिक समृद्ध है। पतंजली द्वारा रोजगार उपलब्ध कराया गया है। यहाँ के उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराकर भी राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पतंजली द्वारा थाई नींबू और चेरी चिली पर एक्सपेरीमेंट कर, उत्तराखण्ड में उगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यमकेश्वर ब्लाॅक में 6 हजार चंदन के वृक्ष लगाए गए हैं, जो तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं।
कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि युवाओं को अवसर दिया जाना चाहिए। युवा बहुत कुछ कर सकते हैं, उन्हें अवसर दिये जाने चाहिए।


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