पति नागपुर में और पत्नी अमेरिका में, कोर्ट ने दिलवाया WhatsApp पर तलाक
नागपुर फैमिली कोर्ट ने एक दुर्लभ उदाहरण पेश करते हुए उठाते हुए पति-पत्नी को WhatsApp पर तलाक दिलवाया। इस मामले में कोर्ट ने पत्नी की सहमति Whatsapp वीडियो कॉल के जरिए दर्ज की। 35 वर्षीय पत्नी छात्र वीजा पर अमेरिका के मिशिगन में पढ़ाई कर रही है। अपने इंस्टीट्यूट द्वारा लंबी छुट्टी ना देने का हवाला देते हुए उसने कोर्ट की सुनवाई में उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त की थी और अनुरोध किया था कि मामले की सुनवाई Whatsapp वीडियो कॉल के माध्यम से आयोजित की जाए। 37 वर्षीय पति नागपुर में खमला का निवासी है जो मिशिगन में काम करता है, लेकिन तलाक के केस की सुनवाई के दौरान अपने गृह नगर में ही था।
दोनों पक्षों से सहमति मिलने के बाद नागपुर फैमिली कोर्ट की न्यायाधीश स्वाति चौहान ने पति द्वारा महिला को एकमुश्त 10 लाख रुपये का भुगतान करने की शर्त पर तलाक दिया। इस मामले का आदेश 14 जनवरी को दिया गया। फैमिली कोर्ट ने अदालत के निर्देश पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल के माध्यम से पत्नी की सहमति दर्ज की थी। इस जोड़े ने 11 अगस्त, 2013 को तेलंगाना के सिकंदराबाद में अरेंज मैरिज की थी और दोनों बतौर इंजीनियर अमेरिका की एक ऑटोमोबाइल कंपनी में नौकरी करते थे।
पत्नी के अमेरिकी वीजा समाप्त होने पर जब वह नागपुर में ससुराल में रहने लगी तब दोनों के बीच मतभेद पैदा होने लगे। इसके बाद महिला छात्र वीजा पर मिशिगन लौट आई। समय के साथ उनके मतभेद गहरे होते गए और पति ने नागपुर फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दी थी। अदालत ने कानून के मुताबिक उनके मामले को एक काउंसलर को भेज दिया, ताकि दोनों को समझाया जा सके। लेकिन दोनों के विदेश में रहने की वजह से कई भी काउंसलर के पास नहीं जा पाया।
पत्नी की वकील स्मिता सरोद सिंघलकर ने बताया कि काफी कोशिश के बाद भी दोनों पक्षों के मतभेद खत्म नहीं हो पाए तो दोनों ही तलाक के लिए मान गए। जिसके बाद दोनों पक्षों के वकीलों ने तलाक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। जिसमें महिला ने अपने भाई के द्वारा Whatsapp video call पर फैमिली कोर्ट के समक्ष एक समझौता राशि के बदले सहमति दर्ज करवाई। इसके बाद कोर्ट ने दोनों को तलाक दिया, क्योंकि दोनों की करीब एक साल से अलग रह रहे थे जो कि तलाक के लिए जरूरी है।