यदि एटीएम से पैसे नहीं निकलते हैं तो इसे भी सेवा में कमी माना जाएगा। इसके लिए उपभोक्ता फोरम की शरण ली जा सकती है और ऐसे मामले में बैंक पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई हो सकती है।
हाल ही में रायपुर में एटीएम से पैसे न निकलने पर फोरम ने इसे बैंक की सेवा में कमी मानते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर ढाई हजार का जुर्माना लगाया। अध्यक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रकोष्ठ वाराणसी जनार्दन सिंह ने बताया कि अगर एटीएम से पैसे नहीं निकलें या पैसे एकाउंट से डेबिट हो जाएं और एटीएम से नहीं निकलें तो ऐसे मामले में उपभोक्ता फोरम में शिकायत की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले बैंक में शिकायत करें, सुनवाई न होने पर फोरम में। ऐसे में बैंकों पर जुर्माना लगाने के साथ ही उपभोक्ता के एकाउंट से कटे पैसों पर ब्याज का आदेश दिया जाता है। बताया कि वाराणसी में भी ऐसे मामलों की सुनवाई हुई है।
ऐसे मामलों में कारण होता है महत्वपूर्ण
एटीएम से पैसे निकलने के मामले में कारण महत्वपूर्ण होता है। पैसा न निकलने के पीछे अगर बैंक की कमी सामने आती है तो ऐसे में उपभोक्ता का पक्ष मजबूत हो जाता है। चेस्ट में पैसे न होना आदि। अगर सीसीटीवी फुटेज में केवल एक उपभोक्ता के साथ दिक्कत है और अन्य उपभोक्ताआें का पैसा निकल रहा है तो बैंक का पक्ष मजबूत होता है।
एटीएम से पैसे न निकलना सेवा में कमी
यदि निर्धारित राशि खाते में न रखें तो पेनाल्टी, समय पर किश्त जमा न करें तो पेनाल्टी, सीमा से ज्यादा बार ट्रांजेक्शन करें तो पेनाल्टी, तीन से अधिक बार एटीएम से अपना पैसा निकालें तब भी पेनाल्टी। बैंक अलग-अलग पेनाल्टी और शुल्क वसूलते हैं। ऐसे में एटीएम से पैसे न निकलने पर कुछ कारणों में बैंक को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
शहर के कई एटीएम अक्सर रहते हैं बंद
बनारस के कई हिस्साें में ऐसे भी एटीएम हैं जो अक्सर शोपीस ही बने रहते हैं। वहीं कुछ एटीएम में पैसे निकालने के दौरान एकाउंट से पैसे तो कट जाते हैं पर निकलते नहीं। ऐसे में उपभोक्ताओं के लिए यह राहत देने वाला फैसला है।