उत्तराखंड :निकायों के सीमा विस्तार की अधिसूचना निरस्त होने के खिलाफ सरकार ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
निकायों के सीमा विस्तार की अधिसूचना निरस्त होने के खिलाफ अब प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सरकार की ओर से दायर विशेष याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई संभव है।
निकायों के परिसीमन के मामले में 14 मई को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने पांच अप्रैल 2018 को जारी अधिसूचना को निरस्त कर दिया था। एकलपीठ ने यह फैसला कोटद्वार के मवाकोट की 35 ग्राम सभाओं सहित भवाली, डोईवाला, तिलवाडा, हल्द्वानी, काशीपुर, टनकपुर, पिथौरागढ और दो दर्जन से अधिक निकायों की सीमा विस्तार अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया था।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि निकायों केे परिसीमन में सरकार ने संविधान का पालन नहीं किया है। राज्यपाल ही किसी भी क्षेत्र को नगरपालिका में शामिल करने के लिए अधिकृत हैं तथा संविधान द्वारा प्रदत शक्ति किसी अन्य को हस्तांतरित नहीं की जा सकती है। एकल पीठ के समक्ष सरकार ने कहा था कि उनके द्वारा किया गया कोई भी कार्य राज्यपाल द्वारा किया गया ही माना जाता है।
विशेष याचिका में भी सरकार ने इसी के आधार पर एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ करेगी। निकायों के परिसीमन की अधिसूचना रद्द होने के बाद सरकार की मुश्किलों कें खासा इजाफा हो गया था। ऐसे में माना जा रहा था कि सरकार इस फैसले को कोर्ट में ही चुनौती देगी।