May 6, 2024

अब गरीब होनहार भी प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों मैं शिक्षा प्राप्त करने का सपना देख सकेंगे

देहरादून  ।  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर राज्य के गरीब परिवारों के होनहार बच्चे अब प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और अन्य शीर्ष इंजीनियरिंग काॅलेजों में शिक्षा प्राप्त करने का सपना देख सकेंगे। ऐसे विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिये मंगलवार को न्यू कैन्ट रोड़ स्थित जनता मिलन हाॅल में आयोजित समारोह में उत्तराखण्ड सरकार, गेल(इण्डिया) लिमिटेड तथा सेंटर फाॅर सोशल रेस्पांसबिलिटी एण्ड लीडरशिप(सीएसआरएल) के मध्य कुमाऊं और गढ़वाल मण्डल के अल्मोड़ा एवं श्रीनगर में गेल उत्कर्ष सुपर 100 के दो केन्द्र स्थापित करने में सहयोग के लिये समझौता ज्ञापन का आदान प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत तथा गेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बी.सी.त्रिपाठी की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर गेल(इण्डिया) की कार्यकारी निदेशक वन्दना चानना तथा सेंटर फाॅर सोशल रिस्पांसबिलिटी एण्ड लीडरशिप(सीएसआरएल) के निदेशक एस.के.शाही द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने गेल उत्कर्ष सुपर 100 की शुरूआत के लिये गेल के सीएमडी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य के मेधावी छात्रों को उच्च तकनीकि संस्थानों में प्रवेश हेतु प्रशिक्षण के लिये गेल द्वारा प्रतिवर्ष 2.50 करोड़ की धनराशि व्यय किये जाने तथा उच्च तकनीकि संस्थानों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को 05 हजार प्रतिमाह छात्रवृत्ति दिया जाना निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि बच्चों में प्रतिभा जन्मजात होती है, कुछ बच्चों में प्रतिभा अन्दर छिपी होती है, उसे उभारने की जरूरत है। परिश्रम या मेहनत के गुण भी सभी के अन्दर है। इसका भरपूर उपयोग कर हम जो चाहे प्राप्त कर सकते है। परिश्रम से परिणाम भी निश्चित रूप से अच्छे आयेंगे। राज्य के प्रतिभावान छात्रों को आगे बढ़ने के बेहतर रास्ते हम तलाश रहे है। प्रतिभाओं की गुणवत्ता की पहचान के लिये अच्छे योजक की जरूरत रहती है। अच्छा योजक ही अच्छा प्रबन्धन कर सकता है। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे संकोच की प्रवृत्ति को त्यागे अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करें। यदि इसके लिये चिल्लाना भी पडे, तो भी अपनी बात रखें, तभी जिस लक्ष्य को लेकर वे आगे बढ़ेंगे, उसमें सफल हो सकेंगे। उन्होंने उदाहरण दिया कि देश की आजादी के समय अंग्रेजों के अधीन रही गुजरात काटन मिल को खरीदने के लिये एक साधारण सा व्यापारी सामने आया। अंग्रेजों ने कहा कि आप इस मिल को कैसे चला सकते हो तो व्यापारी ने जवाब दिया कि परमात्मा का आशीर्वाद है मैं जानता हूं कि इसे कौन चला सकता है। इस मिल को दुनियां मोरारजी मिल्स के नाम से जानती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने रेल टेल आकांक्षा सुपर 30 के छात्रों को भी सम्मानित किया।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विशेष प्रयासों से आज यह योजना धरातल पर उतरी है। उन्होंने कहा कि पहले हमारे बच्चे कोटा कोचिंग के लिये जाते थे, लगभग 03 लाख का खर्च इसमें आता था। गेल उत्कर्ष सुपर 100 के अन्तर्गत श्रीनगर व अल्मोडा के 50-50 छात्रों को उच्च तकनीकी संस्थाओं में प्रवेश हेतु प्रशिक्षित किये जाने से पर्वतीय क्षेत्रों की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि उच्च तकनीकी संस्थानों में प्रवेश के बाद छात्रों को लगभग 2.50 से 03 लाख तक की धनराशि की आवश्यकता होती है। इसके लिये छात्रों को सहकारिता विभाग के माध्यम से एक प्रतिशत ब्याज पर धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। देहरादून में एन.डी.ए. के लिये 50 छात्रों को प्रशिक्षित करने की भी कोचिंग प्रारम्भ की जायेगी। जिसमें 10 सीट शहीद सैनिको की विधवाओं एवं उनके बच्चों के लिये निर्धारित रहेगी। सभी जनपद मुख्यालयो के डिग्री काॅलेजों में आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. आदि को भी कोचिंग संचालित की जायेगी। जिसमें सम्बंधित जिले के जिलाधिकारी भी सप्ताह में एक दिन छात्रों को पढ़ायेंगे। इनमें से 50 छात्रों को सेलेक्ट कर देहरादून व दिल्ली में कोचिंग की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 03 लाख से कम आय वाले 100 छात्रों को रिसर्च के लिये तैयार किया जायेगा इसकी विषय सामग्री राज्य सरकार निर्धारित करेगी। इससे प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने व उन्हें प्रदेश के विकास से जोडने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर गेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बी.सी.त्रिपाठी ने कहा कि देश की अग्रणी प्राकृतिक गैस कम्पनी, गेल(इण्डिया) लिमिटेड ने उत्तराखण्ड में सक्रिय रूप से कई सीएसआर कार्यों का क्रियान्वयन किया है। इन दो केन्द्रों की स्थापना गेल की उत्कर्ष परियोजना के तहत की गई है जो गेल का फ्लैगशिप सीएसआर कार्यक्रम है तथा जिसका लक्ष्य हाशिए के समुदायों के होनहार विद्यार्थी है। दोनो नए केन्द्रों में 50-50 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जायेगा।


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