अरुणाचल में चीन: चीनी मजदूरों को तूतिंग क्षेत्र से भारतीय सेना ने खदेड़ा
नई दिल्ली। जिस तरह से चीन की सेना ने एक बार फिर से भारतीय सेना में घुसपैठ की कोशिश की है उसने चीन के इरादों को लोगों के सामने लाकर रख दिया है। हालांकि भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को अरुणाचल प्रदेश में खदेड़ दिया है, लेकिन इस घटना के बाद एक बार फिर से चीन ने अपनी हरकत दिखाना शुरू कर दी, उसने बयान दिया है कि हमने कभी भी अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को स्वीकृति नहीं दी है। एक तरफ जहां चीन ने अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व पर अपनी तीखी बयानबाजी की तो दूसरी तरफ उसकी सेना की ओर से अरुणाचल प्रदेश में की गई घुसपैठ पर उसने चुप्पी साध रखी है। जिस तरह से मीडिया में यह खबर आई कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले के पास गांव में भारतीय सीमा के भीतर तकरीबन 200 मीटर तक घुसपैठ की उसके बाद चीनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बयान देते हुए कहा कि हमने अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को कभी स्वीकृति नहीं दी है, हालांकि उन्होंने घुसपैठ पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
चीन बोला हमारा रुख साफ चीनी की ओर से जारी बयान में गैंग ने कहा कि हम पहले तो यह कहना चाहते हैं कि सीमा के मुद्दे पर हमारी स्थिति बिल्कुल साफ है और लगातार पहले की ही तरह से बरकरार है। हमने कभी भी अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्व को स्वीकृति नहीं दी है। जिस स्थिति (घुसपैठ) की आप लोग बात कर रहे हैं उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। आपको बता दें कि चीन हमेशा से यह दावा करता आया है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिबत का हिस्सा है। भारत चीन के बीच सीमा का विवाद एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल को लेकर 3488 किलोमीटर का है।
सामान छोड़कर भागे चीनी सैनिक खबरों की अनुसार चीनी की सेना ने कथित तौर पर भारतीय सीमा को पार करके यहां घुस आई थी, जिसे खदेड़ने के लिए जब भारतीय सेना यहां पहुंची तो चीनी सैनिक रोड-कंस्ट्रक्शन का सामान घटनास्थल पर ही छोड़ भागे थे। पिछले कुछ समय से चीन की ओर से सड़क निर्माण गतिविधि काफी बढ़ गई है। आपको बता दें कि डोकलाम विवाद को खत्म हुए अभी चार महीने ही हुए हैं। डोकलाम एक ट्राई-जंक्शन है, जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है।
डोकलाम विवाद पर हुआ था समझौता ऊपरी शियांग जिले के उपायुक्त डुली कामडुक ने चीनी घुसपैठ की घटना से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि टूटिंग में मौजूद अधिकारियों ने चीनी जवानों के भारतीय क्षेत्र में घुसने की जानकारी नहीं दी है। साथ ही सशस्त्र बलों की ओर से भी ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है। सेना के प्रवक्ता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। आपको बता दें कि डोकलाम के 73 दिनों की तनातनी के बाद 28 अगस्त को दोनों देश याथास्थिति बनाए रखने पर सहमत हुए थे। इसके चार महीने बाद अरुणाचल में चीन द्वारा घुसपैठ करने का मामला सामने आया है।